नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि देश के जहाजरानी क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और सागरमाला, नये बंरगाहों की स्थापना तथा आंतरिक जलमार्गों के विकास की परियोजनाएं उसी दिशा में किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है. राष्ट्रीय जहाजरानी सप्ताह पर जारी एक संदेश में सडक परिवहन, राजमार्ग और पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत में जहाजरानी की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के पुनरोद्धार के लिए पहल की गयी है.
इस संदर्भ में उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि देश में यह परम्परा सिंधु घाटी सभ्यता जितनी पुरानी है जबकि विश्व का पहला बंदरगाह लोथल में स्थापित किया गया था. गडकरी ने जहाजरानी और बंदरगाह क्षेत्र के समन्वित और चहुमुखी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए कहा देश में वर्तमान 12 प्रमुख बंदरगाह के अतिरिक्त, ‘आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में क्रमश: दुर्गाराजपत्तनम और सागर में दो नये बंदरगाह’ सरकारी निजी भागीदारी के माडल पर विकसित किए जा रहे हैं.’
इन पर 15,820 करोड रुपये का निवेश होने का अनुमान है. उन्होंने सागरमाला परियोजना को इस दिशा में एक और बडी पहल बताया है. अंतर्देशी जलमार्गों के विकास के लिए ‘जलमार्ग विकास परियोजना’ शुरू की गयी है.
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