17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसद में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करेंगे : कांग्रेस

नयी दिल्ली : कांग्रेस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का आगामी बजट सत्र में पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि उसका मानना है कि अगर यह कानून बन गया तो किसानों व आजीविक गंवाने वालों के हितों की पूरी तरह अनदेखी होगी क्योंकि इससे जबरिया अधिग्रहण की राह खुलेगी. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘यह अध्यादेश काला अध्यादेश […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का आगामी बजट सत्र में पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि उसका मानना है कि अगर यह कानून बन गया तो किसानों व आजीविक गंवाने वालों के हितों की पूरी तरह अनदेखी होगी क्योंकि इससे जबरिया अधिग्रहण की राह खुलेगी. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘यह अध्यादेश काला अध्यादेश है. हम संसद में इसका विरोध करने जा रहे हैं. हम इस अध्यादेश के खिलाफ जन रैलियां कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अकेली नहीं है बल्कि अनेक अन्य राजनीति दल भी इस अध्यादेश के खिलाफ हैं क्योंकि यह विधेयक किसानों व आजीविका गंवाने वालों के हितों पर कुठाराघात के समान है. अनेक विपक्षी दलों तथा नागरिक आंदोलनों ने विवादास्पद भू अधिग्रहण अध्यादेश पर केंद्र को चुनौती दी है. रमेश ने कहा, ‘इस अध्यादेश से जबरिया अधिग्रहण का 1894 वाला तरीका फिर खुलेगा. यह वह सब अधिकार कलेक्टर को वापस दे देगा जो कि हमने कलेक्टर से लेकर ग्राम सभाओं को दिया था.’

उल्लेखनीय है कि संप्रग-दो का महत्वपूर्ण कानून, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का विचार था. उन्होंने कहा, ‘हमारे 2013 के कानून में हमने न केवल भूमि मालिकों बल्कि आजीविका गंवाने वालों, जिनकी आजीविका अधिग्रहीत की जा रही भूमि पर निर्भर है, के लिए भी मुआवजा रखा था. लेकिन अगर यह अध्यादेश कानून बन गया तो वह सब पूरी तरह समाप्त होने जा रहा है. तो कई तरीके से यह अध्यादेश 1894 की वापसी है.’

जयराम रमेश ने भाजपा पर इस मुद्दे पर पाला बदलने (यू टर्न) का आरोप लगाया. रमेश ने कहा, ‘साल 2013 में भाजपा ने नये कानून का समर्थन किया था. सभी राजनीतिक दलों ने कानून का समर्थन किया था. दो सर्वदलीय बैठक हुई थीं, भाजपा ने तीन संशोधन प्रस्तावित किए थे जिन्हें शामिल किया गया, संसद में 15 घंटे बहस हुई जिसमें 65 सांसदों ने अपनी बात रखी.’

उन्होंने कहा, ‘लोकसभा में बहस की शुरुआत राजनाथ सिंह ने की जबकि राज्यसभा में विनय कटियार ने. लेकिन आठ महीने में ही भाजपा ने यू-टर्न ले लिया है.’ उल्लेखनीय है कि रमेश एक किताब ‘लेजिसलेटिंग फोर इक्विटी : द मेकिंग आफ द 2013 लैंड इक्वीजिशन लॉ’ लिख रहे हैं जो अप्रैल में आएगी. उनकी नवीनतम किताब ‘ग्रीन सिग्नल्स : इकोलोजी, ग्रोथ एंड डेमोक्रेसी इन इंडिया’ का लोकार्पण इसी सप्ताह विश्व पुस्तक मेले में हुआ है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें