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नहीं रुलायेगी प्‍याज, कीमतों पर सरकार रखेगी नियंत्रण

नयी दिल्‍ली : आगामी त्यौहारी मौसम में प्याज कीमतों में वृद्धि की आशंकाओं के बीच कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि प्याज की कीमतें फिर से 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर न पहुंचें, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव उपाय करेगी. मानसून में विलंब के कारण, महाराष्ट्र, […]

नयी दिल्‍ली : आगामी त्यौहारी मौसम में प्याज कीमतों में वृद्धि की आशंकाओं के बीच कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि प्याज की कीमतें फिर से 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर न पहुंचें, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव उपाय करेगी. मानसून में विलंब के कारण, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में खरीफ (गर्मी) के प्याज की फसल के बाजार में आने में एक माह की देर होगी जिससे सितंबर के उत्तरार्द्ध और अक्तूबर में कीमतों बढने की आशंका है.

डेयरी क्षेत्र पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक समारोह में सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली की जनता को मालूम है कि पहले जब प्याज की कीमतें 80-100 रुपये किलो पहुंचती थीं तो सरकार भयभीत हो जाया करती थी. अब कीमतें 25-30 रुपये किलो के आसपास हैं. सरकार जागरुक है और वह कीमतें नहीं बढने देगी.’ उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतें 80-100 रुपये किलो के स्तर पर न पहुंचें यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर उपाय करेगी.

कृषि मंत्री ने कहा, ‘मैं लोगों से पूछना चाहूंगा कि पिछले वर्ष प्याज की क्या कीमतें थीं और आज क्या है. सरकार सभी सब्जियों और फलों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तमाम उपाय कर रही है. हरसंभव तरीके से हम प्याज की कीमतों को उस स्तर पर नहीं जाने देंगे जो स्तर कांग्रेस नीत सरकार के दौरान हुआ करता था.’ सितंबर के उत्तरार्द्ध और अक्तूबर के दौरान प्याज कीमतों में तेजी को रोकने के प्रयास के तहत सरकार ने हाल में घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति बढाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए आयातित प्याज के अनिवार्यत: धुंए से शोधन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया.

इस अनिवार्यता को समाप्त करने से देश में प्याज के आयात में लगने वाले समय में कमी होगी. सरकार ने धुएं से शोधन नहीं करने पर लगने वाले चौगुने दंडात्मक शुल्क को भी खत्म कर दिया है. जून से लेकर नवंबर तक प्याज की कम उपज वाली अवधि के दौरान प्याज की घरेलू मांग को भंडारित रबी (जाडे) और ताजा खरीफ (गरमी) के उत्पादन के जरिये पूरा किया जाता है. सरकारी आंकडों के अनुसार देश के अधिकांश भागों में अभी प्याज की कीमतें 20-30 रुपये प्रति किग्रा के दायरे में स्थिर हैं. दिल्ली में प्याज 30 रुपये प्रति किग्रा, मुंबई में 32 रुपये प्रति किग्रा तथा चेन्नई और कोलकाता में 25 रुपये प्रति किग्रा पर उपलब्ध हैं.

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