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Budget 2020 : मेरा समाज मेरी सेहत, सस्ती दवाइयों के लिए हर जिले में होगा जन औषधि केंद्र

वर्ष 2020-21 में हेल्थ सेक्टर को मिले 69,000 करोड़ सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये आंवटित किये हैं. यह पिछले साल 6,000 करोड़ रुपये अधिक है. वर्ष 2019-20 में सरकार ने हेल्थ सेक्टर को 62,000 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार […]

वर्ष 2020-21 में हेल्थ सेक्टर को मिले 69,000 करोड़
सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये आंवटित किये हैं. यह पिछले साल 6,000 करोड़ रुपये अधिक है. वर्ष 2019-20 में सरकार ने हेल्थ सेक्टर को 62,000 करोड़ रुपये आवंटित किये थे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश बजट में बताया कि सरकार सस्ती दवाइयों के लिए हर जिले में जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव रखी है. ताकि लोगों को कम दर पर दवाएं मिलें. प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के लिए सरकार ने पिछले साल के जितना ही 6,400 करोड़ रुपये ही आवंटित किये हैं. सरकार इस योजना तक चार साल में वर्ष 2024 तक पीपीपी मोड पर अस्पताल खोलने जा रही है.
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित 69,000 करोड़ रुपये में से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 6,400 करोड़ रुपये दिये गये हैं. सीतारमण ने बताया कि मौजूदा समय प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल में 20,000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं. सरकार इस योजना का लाभ और ज्यादा गरीब लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका दायरा दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों तक बढ़ाना चाहती है.
इसके लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से अस्पताल खोलने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई करेगी. योजना के तहत पहले चरण में ऐसे आकांक्षी जिलों को शामिल किया जायेगा, जहां आयुष्मान योजना के पैनल वाले कोई भी अस्पताल नहीं है. इससे युवाओं को रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे. चिकित्सा उपकरणों (मेडिकल इक्यूपमेंट) पर लगाये जाने वाले टैक्स से मिले राजस्व का इस्तेमाल अस्पताल बनाने में किया जायेगा.
मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा उपचार : स्वास्थ्य अधिकारी और चिकित्सा समुदाय आयुष्मान भारत योजना के तहत मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोगों का उपचार करेंगे.
पांच साल में जिलों में 2000 किस्म की दवाइयां : वर्ष 2024 तक चार साल में देश के सभी जिलों में 2,000 किस्म की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण उपलब्‍ध कराने वाले जन औषधि केंद्रों का विस्तार किया जायेगा.
हेल्थ बजट
बजट वर्ष आवंटन
वर्ष 2018-1952,800 करोड़
वर्ष 2019-2062,659 करोड़
वर्ष 2020-2169,000 करोड़
4.80 लाख लोग हर साल मारे जाते हैं टीबी से
1400 लोगों की प्रति दिन मौत होती है टीबी से
63% मार्केट शेयर है दवा के बाजार में एंटी टीबी मेडिसिन का
पांच साल में तपेदिक का पूर्ण उन्मूलन : सरकार 2025 तक क्षय रोग (टीबी) के उन्मूलन के लिए ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान की शुरुआत की है. इसके जरिये 2025 तक तपेदिक पूरी तरह से खत्म हो जायेगा.
परिवहन
परिवहन के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.7 लाख करोड़
नयी दिल्ली : वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में परिवहन क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.7 लाख करोड़ के आवंटन हुआ है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि उड़ान योजना के लिए 2025 तक 100 और एयरपोर्ट विकसित किये जायेंगे.
डिफेंस
रक्षा बजट में छह प्रतिशत बढ़ोतरी 3.37 लाख करोड़ मिला
रक्षा बजट में मामूली 5.63 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए 2020-21 के लिए सरकार ने 3.37 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. पिछले साल रक्षा के लिए 3.18 लाख करोड़ रुपये मिले थे. बालाकोट हमले के बाद सेना के तेजी से आधुनिकीकरण के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद थी.
कहां किस मद में
पूंजीगत व्यय : 1.13 लाख करोड़ रुपये
इस्तेमाल : नये हथियार, वायुयान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरण खरीदने
राजस्व व्यय : 2.09 लाख करोड़ रुपये
इस्तेमाल : सैलरी और रक्षा प्रतिष्ठानों का रखरखाव
पेंशन मद 1.33 लाख करोड़ रुपये अलग से
अगर पेंशन मद में 1.33 लाख करोड़ रुपये के आवंटन को जोड़ दें, तो रक्षा बजट 4.71 लाख करोड़ रुपये हो जाता है. कुल आवटंन में पेंशन के लिए अलग रखे गये रुपये शामिल नहीं हैं.
1962 के बाद सबसे कम
एक्सपर्ट के मुताबिक रक्षा आवंटन जीडीपी का 1.5 प्रतिशत बना हुआ है, यह 1962 के बाद से सबसे कम है.
गृह मंत्रालय को 1.67 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. जिसमें पुलिस बलों और जनगणना 2021 से संबंधित कामकाज पर विशेष जोर है. बजट में आठ केंद्र शासित प्रदेशों का भी आवंटन शामिल है.
जम्मू कश्मीर : Rs 30,757 करोड़
लद्दाख : Rs 5,958 करोड़
जनगणना में 700 प्रतिशत का इजाफा
देश भर में एनपीआर, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनआरसी) पर छिड़ी बहस के बीच बजट 2020-21 में जनसंख्या, सर्वेक्षण एवं सांख्यिकी और भारत के महा रजिस्ट्रार विभाग का कुल बजट आवंटन करीब 700 प्रतिशत बढ़ाया गया है. वित्त वर्ष 2019-20 में विभाग के लिए कुल 621.33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसे 2020-21 के आम बजट में बढ़ा कर 4,568 करोड़ रुपये किया गया है.
मौजूदा बजट प्रावधान पिछले बजट के मुकाबले 635.19 प्रतिशत अधिक है. इसमें जनगणना सर्वेक्षण और सांख्यिकी के लिए 4,278 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में किये गये 537.33 करोड़ रुपये के प्रावधान से 696.15 प्रतिशत अधिक है.
सड़क
2500 किमी एक्सप्रेस वे, 9000 किमी इकोनॉमिक कॉरिडोर और 2000 किमी स्ट्रेटजिक हाइवे बनेगा.
दिल्ली-मुंबई व चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस वे जल्द होगा तैयार.
देश भर में 2024 तक 6000 किलोमीटर हाइवे बनेंगे.
रेलवे
27 हजार किमी ट्रैक का विद्युतीकरण होगा. रेल पटरी के किनारे बनेगा सोलर पावर ग्रिड, 150 प्राइवेट ट्रेन चलाने का फैसला.
प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ने के लिए तेजस की संख्या बढ़ेगी.
148 किलोमीटर बेंगलुरु उपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनेगा.
हवाई व पोत यातायात
एयर ट्रैफिक में भारत में तेज बढ़ोतरी. उड़ान योजना को बढ़ावा देने के लिए 100 नये एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव.
किसी-न-किसी एक बड़े पोर्ट के निगमीकरण पर विचार.
नदी तटों पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा.
सामािजक सुरक्षा
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में 14 फीसदी की बढ़ोतरी
बजट में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले साल से 14 फीसदी अधिक है. पोषण, सामाजिक सुरक्षा समेत सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए भी आवंटन 2019-20 के 3891.71 करोड़ की अपेक्षा 4036.49 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
राष्ट्रीय पोषण अभियान : 3700 करोड़ वृद्धि : 300 करोड़
‘वन स्टॉप सेंटर’ योजना : 385 करोड़ वृद्धि: 181 करोड़ रुपये
मातृ वंदना योजना : 2500 करोड़ रुपये वृद्धि: 200 करोड़
गर्भवती व स्तनपान कराने वाली प्रति महिला को: छह हजार रुपये
बाल सुरक्षा सेवा: 1500 करोड़ वृद्धि: 150 करोड़
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना : 220 करोड़ रुपये
महिला शक्ति केंद्र : 100 करोड़ : वृद्धि: 50 करोड़
केंद्र की योजनाओं के लिए : 29,720 करोड़ वृद्धि : 3804 करोड़
लड़कियों का िशक्षा अनुपात लड़कों की तुलना में बढ़ा
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के सुखद नतीजे आ रहे हैं. शिक्षा में लड़कियों का नामांकन अनुपात बढ़ा है. प्राथमिक स्तर पर लड़कियों का नामांकन अनुपात 94.32 प्रतिशत है, जबकि लड़कों में यह 89.28 प्रतिशत है.
किस मद में कितना
महिलाRs 28,600 करोड़
ओबीसी, एससीRs 85,000 करोड़
एसटीRs 53,700 करोड़
बुजुर्ग व दिव्यांगRs 9,500 करोड़
सीवेज मैनेजमेंट
टेक्नोलॉजी से होगी सेप्टिक टैंक की सफाई
सिर पर मैला ढोने की प्रथा के बारे में वित्त मंत्री ने कहा,‘हमारी सरकार कृत संकल्प है कि सीवर प्रणाली या सेप्टिक टैंक की सफाई का काम हाथ से नहीं किया जायेगा. शहरी कार्य मंत्रालय ने ऐसे कार्यों के लिए टेक्नोलॉजी की पहचान की है. मंत्रालय इन्हें अपनाने के लिए शहरी निकायों के साथ काम कर रहा है.
फ्लैश बैक
60 वर्ष तक के मजदूरों और तीन करोड़ छोटे दुकानदारों के लिए 3,000 रुपये पेंशन का प्रवाधान
पीएम आवास योजना शहरी (पीएमएवाइइ-शहरी) के अंतर्गत 47 लाख आवास निर्माण शुरू होंगे
एनपीएस खाते में अंशदान के लिए धारा 80 ग के अंतर्गत कटौती
सीनियर सिटीजन के लिए आयकर में कटौती की सीमा 50,000 रुपये तक
वेतनभोगी और पेंशनभोगी वर्ग के लिए 40,000 की मानक कटौती बढ़ा कर 50,000 रुपये की गयी.
रेलवे को बजट में मिले 70,000 करोड़ रुपये
1.61 लाख करोड़ के पूंजीगत व्यय प्रस्ताव
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री ने बजट में रेलवे को 70,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी है. रेलवे के लिए कुल 1.61 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया है. रेलवे के पूंजीगत खर्च का प्रावधान चालू वर्ष की तुलना में मात्र तीन फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2019-20 में व्यय के लिए 1.56 लाख रुपये मिले थे. जो 2018-19 के मुकाबले 17.2 प्रतिशत अधिक था.
किसके लिए कितना पैसा
नयी लाइन12,000 करोड़
गेज बदलने के लिए2,250 करोड़
डबल ट्रैक700 करोड़
रेल डिब्बे एवं इंजन5,786.97 करोड़
सिग्नल और दूरसंचार1,650 करोड़
यात्री सुविधा2,725.63 करोड़
कहां से कितना आमदनी
यात्री किराया61,000 करोड़
माल ढुलाई1.47 लाख करोड़
कुल परिचालन आय2.25 लाख करोड़
नया क्या
पटरियों के किनारे रेलवे की खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने और चार स्टेशन के फिर से विकसित करने एवं 150 ट्रेनों को पीपीपी मॉडल से चलाने का प्रस्ताव है. 18,600 करोड़ से 148 किमी लंबे बेंगलुरु उपनगरीय परिवहन प्रोजेक्ट मेट्रो मॉडल पर बनाया जायेगा.
शेयर बाजार में लिस्टेड होंगे बड़े बंदरगाह
सरकार बंदरगाहों को दक्ष बनायेगी. बड़े बंदरगाह को शेयर बाजारो में लिस्टेड किया जायेगा. राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर 2022 तक धुबरी-साडिया (890 किमी) जलमार्ग पूरा हो जायेगा. नदी तटों पर मिशन अर्थ गंगा योजना शुरू होगी.
बहुत निराशाजनक और प्रभावहीन बजट रहा
बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं है. हमें अपेक्षा थी कि इस बहुप्रतीक्षित बजट में वित्तमंत्री अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए कुछ वास्तविक कदमों की घोषणा करेंगी, लेकिन यह बहुत ही निराशाजनक और प्रभावहीन (बजट) रहा. रोजगार के लिए कोई घोषणा नहीं है. इस पर ध्यान देना जरूरी है.
अशोक गहलोत, सीएम, राजस्थान
आम आदमी के हित के अनुरूप है बजट
यह बजट आम आदमी के हितों के अनुरूप है. अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण पर बजट राशि 85 करोड़ रुपये दिया जाना स्वागतयोग्य है. साथ ही कर में कटौती का प्रस्ताव मध्यम वर्ग को राहत देगा. कुल मिला कर यह बजट सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
राम विलास पासवान, केंद्रीय मंत्री
हवाई सपने दिखाने वाला है बजट, सत्यता से दूर
बजट का भाषण लंबा जरूर है, लेकिन पूरी तरह से आंकड़ों का मायाजाल और हवाई सपने दिखाने वाला है. यह सत्यता से दूर है. इस बजट में गांव, गरीब, किसान, युवा, रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है.
कमलनाथ, सीएम मध्य प्रदेश

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