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गौतम अडाणी ने पेश की 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनाने का खाका

नयी दिल्ली : अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी ने बुधवार को अडाणी सूमह को 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी और 2030 तक सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनाने के लिए रूपरेखा पेश की. इसके लिए समूह ने आक्रामक तरीके से क्षमता विस्तार की योजना बनायी है. अडाणी समूह के चेयरमैन ने लिंक्डइन […]

नयी दिल्ली : अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी ने बुधवार को अडाणी सूमह को 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी और 2030 तक सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनाने के लिए रूपरेखा पेश की. इसके लिए समूह ने आक्रामक तरीके से क्षमता विस्तार की योजना बनायी है. अडाणी समूह के चेयरमैन ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का दौर उम्मीद से अधिक तेजी से उभरा है. अक्षय ऊर्जा में मुख्य रूप से सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा शामिल होतीं हैं.

उन्होंने कहा कि अभी हमारा अक्षय ऊर्जा उत्पादन संपत्तियों का पोर्टफोलियो 2.5 गीगावॉट का है. 2.9 गीगावॉट की निर्माणाधीन क्षमता जुड़ने के बाद यह 2020 तक दोगुने से अधिक हो जायेगा. उसके बाद यह तीन गुना वृद्धि के साथ 2025 तक 18 गीगावॉट तक पहुंच जायेगी. उन्होंने लिखा है कि हमारा दृष्टिकोण 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी बनने का है. इसके बाद 2030 तक हमारा लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनने का है. कुल मिलाकर 15 अरब डॉलर के अडाणी समूह की उपस्थिति ऊर्जा, कृषि कारोबार, रियल एस्टेट और रक्षा तथा अन्य क्षेत्रों में है.

अडाणी समूह के पास न केवल कोयला आधारित बिजली संयंत्र हैं, बल्कि उसके पास भारत और ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदानें भी हैं. समूह ने कोयले में बड़ा निवेश किया है. अडाणी समूह का खान, ढुलाई जहाज, बंदरगाह और बिजली संयंत्र का साम्राज्य काफी हद तक कोयले पर निर्भर है.

अडाणी ने कहा कि समूह अब ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां यह न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. वर्ष 2019 में अडाणी समूह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया की छठी सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है. अडाणी ने कहा कि हम 2020 तक देश की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनने की ओर अग्रसर हैं. 2021 तक हम दुनिया की शीर्ष सौर ऊर्जा कंपनियों में शामिल होंगे.

अडाणी ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम अपने ऊर्जा क्षेत्र के लिए तय निवेश का 70 फीसदी स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्ष प्रणालियों में करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी इस यात्रा में जिस एक अन्य परियोजना ने आकार लेना शुरू कर दिया है, वह गुजरात के मुंदड़ा में 1.3 गीगावॉट के अत्याधुनिक सोलर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्र का विस्तार कर 3.5 गीगावॉट के विनिर्माण संयंत्र में बदलना है.

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