नयी दिल्ली : शीर्ष स्वास्थ्य संगठन हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेटहेल्थ) ने सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जीएसटी को शून्य करने और पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षेत्र प्राथमिक क्षेत्र बनाने की गुरुवार को अपील की. फेडरेशन ने अपनी बजटपूर्व सिफारिशों में दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों में क्षमता का निर्माण करने का भी आह्वान किया. यह ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती मांगों को भी पूरा करेगा.
नेटहेल्थ के अध्यक्ष सुदर्शन बल्लाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा उद्योग को उम्मीद है कि चिकित्सा पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर शून्य जीएसटी जैसी चीजों का ध्यान रखकर आम बजट 2020-21 घोषित किया जायेगा. स्वास्थ्य संगठन ने फिक्की के साथ संयुक्त ज्ञापन में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जीएसटी को तर्कसंगत बनाने से इनपुट क्रेडिट का मुद्दा सुलझेगा.
इसके साथ ही, नर्सिंग होम, क्लीनिक, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर्स समेत सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की लागत में कम आयेगी. उन्होंने कहा कि कर में कमी का फायदा आखिरकार उपभोक्ताओं को ही होगा और स्वास्थ्यसेवा की लागत घटेगी.
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