नयी दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि वह देश में बिना चालक वाली (ड्राइवरलेस) कारों को अनुमति नहीं देंगे. उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि मुझसे कई बार बिना चालक वाली कारों के बारे में पूछा जाता है. तब मैं कहता हूं कि जब तक मैं परिवहन मंत्री हूं, तब तक आप भूल जाएं. मैं ड्राइवरलेस कार को भारत में नहीं आने दूंगा.
देश में 22 लाख चालकों की कमी की बात कहते हुए गडकरी ने कहा कि देश में रोजगार में वृद्धि के साथ-साथ उद्योग में भी वृद्धि की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वाहन कबाड़ नीति अंतिम चरणों में है और यदि हम इसे लाते हैं, तो हमारी लागत 100 फीसदी घट जायेगी, क्योंकि कच्चा माल सस्ता हो जायेगा और भारत ई-वाहन, वाहन विनिर्माण के मामले में दुनिया नंबर एक विनिर्माण केंद्र बन जायेगा. अगर ऐसा होता है, तो यह निश्चित रूप से भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में काफी योगदान करेगा.
गडकरी ने कहा कि फिलहाल, वाहन उद्योग 4.5 लाख करोड़ रुपये का है. केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि सरकार की अगले पांच साल में खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र के कारोबार को बढ़ाकर दो लाख करोड़ रुपये करने की योजना है. फिलहाल, इसका कारोबार 75,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने उद्योग से वैश्विक कारोबार में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर करीब 10 प्रतिशत करने का आग्रह किया है.
इसके साथ ही, उन्होंने घरेलू उद्योग से अवसरों को हासिल करने के लिए कहा है. गडकरी ने उद्योग मंडल फिक्की के 92वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग का कारोबार वर्तमान में 75,000 करोड़ रुपये है. अगले पांच साल में इसे दो लाख करोड़ रुपये पर ले जाने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं.
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