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”लोअर-मिडल क्लास की मदद के लिए सिंगापुर की GST Voucher Scheme को अपना सकता है भारत”

सिंगापुर : सिंगापुर की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वाउचर योजना को भारत को भी अपनाना चाहिए. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि इसका निम्न और मध्य आय वर्ग समूहों के लिए सकारात्मक असर पड़ेगा. परामर्शक फर्म खेतान एंड कंपनी की भागीदार रश्मि देशपांडे ने कहा कि सिंगापुर जीएसटी के एक रोचक पहले वाउचर प्रणाली […]

सिंगापुर : सिंगापुर की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वाउचर योजना को भारत को भी अपनाना चाहिए. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि इसका निम्न और मध्य आय वर्ग समूहों के लिए सकारात्मक असर पड़ेगा. परामर्शक फर्म खेतान एंड कंपनी की भागीदार रश्मि देशपांडे ने कहा कि सिंगापुर जीएसटी के एक रोचक पहले वाउचर प्रणाली को भारत में भी अपनाया जा सकता है. इसमें सिंगापुर के गैर पंजीकृत नागरिकों को भी खरीद के समय उनसे लिए गए कर पर लाभ मिलता है.

देशपांडे ने कहा कि सिंगापुर द्वारा अपने नागरिकों को तीन प्रकार के वाउचर कैश, मेडिसेव और यू-सेव उपलब्ध कराए जाते हैं. देशपांडे ने समझाते हुए कहा कि कैश वाउचर से नकदी की तात्कालिक जरूरत को पूरा किया जाता है. मेडिसेव वाउचर सिंगापुर के 65 साल और उसके अधिक की उम्र के लोगों को उपलब्ध कराये जाते हैं. इसमें उनके केंद्रीय भविष्य निधि मेडिसेव खाते पर टॉप अप के जरिये उनके चिकित्सा खर्च को पूरा किया जाता है. यू-सर्विस के तहत निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के परिवारों को उनके बिलों पर तिमाही आधार पर कुछ छूट दी जाती है.

देशपांडे ने कहा कि भारत जैसे देश में निम्न और मध्यम आय वर्ग की बड़ी आबादी है. इसका उन पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी वाउचर योजना से भारत कर दरों में अंतर को पाट पायेगा. इसके अलावा, ऐसी योजना के जरिये वाउचर का लाभ लेने को कर अनुपालन भी सुनिश्चित होगा. सिंगापुर के अंतर्देशीय राजस्व प्राधिकरण (आईआरएएस) के अनुसार, देश में जीएसटी को बहुचरण के कर के रूप में लागू किया जाता है. इसमें उत्पादन और वितरण शृंखला के प्रत्येक चरण में कर लिया जाता है.

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