नयी दिल्ली : उद्योग मंडल फिक्की ने आगामी बजट में कॉरपोरेट कर में कटौती ओर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को समाप्त करने की मांग की है. भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अगले कुछ दिन में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने जा रही है. सरकार ने 2019-20 का अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया था. पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जायेगा.
इसे भी देखें : बजट 2019-20 : सरकारी साधारण बीमा कंपनियों में डाले जा सकते हैं 4,000 करोड़ रुपये
फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बजट पूर्व चर्चा के लिए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद फिक्की ने कहा कि हमारा प्रमुख सुझाव था कि सरकार वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा की स्थिति को कायम रखने के लिए घरेलू निवेश को प्रोत्साहन दे. साथ ही, कॉरपोरेट कर की दर में भी कटौती की जाये.
वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि कॉरपोरेट कर की दर को अगले चार साल में 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी पर लाया जायेगा. इस दौरान कंपनियों को मिलने वाली छूटों को वापस लिया जायेगा. आगे के वर्षो में 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया.
बैठक के दौरान फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आयकर कानून के तहत उपलब्ध छूट और कटौतियों को समाप्त करने और नये लेखा नियमों की वजह से पैदा होने वाली जटिलताओं के मद्देनजर मैट की अवधारणा की समीक्षा किये जाने की जरूरत है. फिक्की ने मैट को समाप्त करने और एक सुगम वैकल्पिक न्यूनतम कर का विस्तार करने का सुझाव दिया है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.