नयी दिल्ली : वित्तीय संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पट्टे पर लिये विमानों का किराया नहीं चुका पाने के चलते उसने चार और विमान खड़े कर दिये हैं. इसी के साथ कंपनी अब तक 41 विमानों का परिचालन बंद कर चुकी है. जेट एयरवेज ने सोमवार को यह जानकारी दी.
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वित्तीय संकट में फंसी कंपनी पूंजी जुटाने के तरीकों पर विचार कर रही है. जेट एयरवेज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि विमानों को पट्टे पर देने वाली कंपनियों का बकाया नहीं चुका पाने के कारण एयरलाइन को चार और विमान खड़े करने पड़े हैं. कंपनी के मुताबिक, वह विमानों को पट्टे पर देने वाली कंपनियों के साथ लगातार बातचीत कर रही है और वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए किये जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत करा रही है.
जेट एयरवेज ने कहा कि विमानों को पट्टे पर देने वाली कंपनियों ने इस दिशा में कंपनी के प्रयासों का समर्थन किया है. जेट एयरवेज की वेबसाइट के मुताबिक, उसके बेड़े में 119 विमान हैं. कंपनी ने एक अलग सूचना में कहा कि नकदी को लेकर अस्थायी बाधाओं के चलते डिबेंचर धारकों को 19 मार्च, 2019 को दिये जाने वाले ब्याज के भुगतान में देरी होगी.
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