नयी दिल्ली : काले धन पर विशेष जांच दल (एसआइटी) ने विभिन्न एजेंसियों से कर चोरी और आपराधिक वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मामलों का ब्योरा मांगा है. इसमें मौजूदा मामलों का ब्योरा भी शामिल है, जिनकी फिलहाल जांच चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमबी शाह की अगुवाई वाले विशेष जांच दल ने अपने पैनल के 11 विभागों से इन मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी है. साथ ही जांच की स्थिति के बारे में पूछा है. इन एजेंसियों से मामलों को अभियोजन या जुर्माने के लिए आगे ले जाने में आने वाली समस्याओं के बारे में भी पूछा गया है. विशेष जांच दल ने भारत की स्विट्जरलैंड व अन्य देशों के साथ कर संधियों में विवाद वाले गोपनीयता के मुद्दे को भी देखने का फैसला किया है.
* स्विस खातों के काले धन को सोने-हीरे की कमाई का कलेवर देने की चाल
कालेधन के खिलाफ जंग में भारत का सहयोग करने की स्विट्जरलैंड की प्रतिबद्धता के बीच कुछ नये तथ्य सामने आये हैं. खबर है कि स्विस बैंकों में जमा धन के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान छिपाने के लिए ऐसे धन को सोने और हीरे के व्यापार की कमाई का मुलम्मा चढ़ाने की रणनीति अपनायी जा रही है. इन बैंकों में जमा काले धन के पीछे के वास्तविक व्यक्तियों के ग्राहकों की पहचान छिपाने के लिए हीरा व्यापार, सोने व अन्य आभूषणों का निर्यात, शेयर बाजार के सौदे एवं नयी पीढ़ी की वर्चुअल मुद्रा के जरिये धन हस्तांतरण जैसे तरीके अपनाये जा रहे हैं.
* स्वर्ण का निर्यात : स्विट्जरलैंड के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यह यूरोपीय देश भारत को सोने का निर्यात करने वाला एक प्रमुख केंद्र बन गया है. इस साल के शुरुआत से यहां से भारत के साथ करीब 40,000 करोड़ रुपये मूल्य के सोने का व्यापार हुआ है. इस बात का संदेह बढ़ रहा है कि स्विस बैंकों से भारत एवं अन्य स्थलों में धन पहुंचाने के लिए सोना और हीरा व्यापार का इस्तेमाल किया जा रहा है.
* स्विस बैंक का शपथ पत्र : इसके साथ ही स्विट्जरलैंड स्थित बैंक अपने ग्राहकों से यह शपथ पत्र ले रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के संबंध में किसी भी संभावित नियामकीय या प्रशासनिक अनुपालन की जिम्मेदारी ग्राहकों की होगी.
* अवैध धन कैसे
कर या शुल्क चोरी, विदेशी विनिमय कानून के उल्लंघन, आय से अधिक आमदनी, देश और विदेश में बेनामी संपत्तियों का सृजन आदि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे गैर कानूनी पैसा बनता है.
* क्यों मांगें आंकड़े
एसआइटी ने यह आंकड़े इसलिए मांगे हैं ताकि यह पता चल सके कि देश काले धन का प्रभाव कितना है. संबंधित विभाग एक तय फॉर्मेट में एसआइटी को यह ब्योरा सौंपने की प्रक्रिया में हैं. इन पर अगली बैठक में विचार होगा. रिजर्व बैंक ने हाल ही में सभी बैंकों व वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इस उच्च स्तरीय समिति द्वारा मांगी गयी सभी सूचनाएं व दस्तावेज उपलब्ध कराएं.
* एसआइटी के सदस्य
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर न्यायाधीश एमबी शाह की अध्यक्षता में सरकार ने एसआइटी का गठन किया है. न्यायाधीश अरिजीत पसायत एसआइटी इसके वाइस चेयरमैन हैं. इसके अलावा 11 प्रमुख एजेंसियों और विभागों के शीर्ष अधिकारी इसके सदस्य हैं. इसके सदस्य विभागों व एजेंसियों में राजस्व विभाग (वित्त मंत्रालय के तहत), रिजर्व बैंक, खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआइ, आयकर विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, वित्तीय खुफिया इकाई, रॉ, प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के तहत आने वाले विदेशी कर व कर अनुसंधान शाखा शामिल हैं.
* चुनावों में काला धन मुख्य समस्या
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि भारत में चुनाव अभियान में काले धन का उपयोग एक प्रमुख समस्या है, जहां ऐसे धन का उपयोग बिरयानी पार्टियों और बिना दूल्हा-दुल्हन के विवाह समारोहों में किया जाता है, ताकि मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके. काले धन का इस्तेमाल एक प्रमुख समस्या है. हमने नेताओं के लिए मुश्किलें पैदा की हैं लेकिन यह तथ्य है कि निर्धारित सीमा से कहीं अधिक राशि खर्च की जाती है.
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