नयी दिल्ली : एनडीए की सरकार बनने के बाद लोगों को ऐसा लगने लगा था कि अब उन्हें महंगाई से अब निजात मिल जायेगी लेकिन मोदी सरकार को बने अभी एक महीना भी नहीं हुआ है और लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है. सोमवार को सरकार के चीनी में आयात शुल्क में बढोतरी के बाद अब लोगों को चाय की चुस्की पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है.
सरकार द्वारा चीनी पर आयात शुल्क बढाकर 40 प्रतिशत करने तथा चीनी मिलों को 4,400 करोड रुपये का अतिरिक्त ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा के बाद देश के प्रमुख थोक बाजारों में चीनी के दाम 60 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ गए. इसके अलावा बडे खरीदारों की गर्मियों के सीजन की मांग से भी कीमतों में इजाफा हुआ.
राष्ट्रीय राजधानी में चीनी तैयार एम 30 और एस 30 के भाव क्रमश: 3270-3400 रुपये और 3250-3380 रुपये से बढकर क्रमश: 3320-3460 रुपये और 3300-3430 रुपये क्विंटल बंद हुए. इस तरह चीनी की कीमत में 50 से 60 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ. चीनी व्यापारियों का कहना है कि सरकार द्वारा आयात को हतोत्साहित करने के लिए आयात शुल्क बढाकर 40 फीसद करने से चीनी की कीमतों में और बढोतरी की आशंका है. उन्होंने कहा कि यदि मानसून कमजोर रहता है तो आगामी दिनों में चीनी और महंगी हो सकती है.
सामान्य रख के अनुरुप चीनी मिल डिलीवरी एम 30 और एस 30 के भाव क्रमश: 3130-3245 रुपये और 3110-3225 रुपये से बढकर क्रमश: 3160-3300 रुपये और 3140-3240 रुपये क्विंटल बंद हुए. मिलगेट चीनी मवाना किनौली और असमोली के भाव क्रमश: 3160 रुपये 3240 रुपये और 3210 रुपये से बढकर क्रमश: 3230 रुपये 3300 रुपये और 3250 रुपये क्विंटल बंद हुए.मुंबई के वाशी थोक बाजार में छोटी चीनी (एस-30) के दाम 25रुपये प्रति क्विंटल बढकर 3,030-3,152 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए.
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