नयी दिल्ली : सरकार ने मसाला बांडों पर से विदहोल्डिंग टैक्स हटाने, विदेश संस्थागत निवेश के लिए ढील देने तथा गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाने का शुक्रवार को निर्णय किया. रुपये में गिरावट और बढ़ते चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है. अर्थव्यवस्था की सेहत की समीक्षा के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने अर्थव्यवस्था की स्थिति की जानकारी दी. वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन उपायों से 8-10 अरब डॉलर तक का सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने के लिए पांच कदमों पर निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने तथा गैर-जरूरी आयात पर अंकुश लगाने का भी फैसला किया है. हालांकि, जेटली ने यह नहीं बताया कि किन जिंसों के आयात पर पाबंदी लगायी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ते कैड के मामले के समाधान के लिये सरकार जरूरी कदम उठाएगी. इसके तहत गैर-जरूरी आयात में कटौती तथा निर्यात बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे. जिन जिंसों के आयात पर अंकुश लगाया जाएगा, उसके बारे में निर्णय संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा. वह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के अनुरूप होगा.”
जेटली के अनुसार कल प्रधानमंत्री के साथ बैठक में और मुद्दों पर चर्चा होगी. अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया 12 सितंबर को रिकार्ड 72.91 तक नीचे गिर गया था. यह आज 71.84 पर बंद हुआ. घरेलू मुद्रा अगस्त से लेकर अब तक करीब 6 प्रतिशत टूटी है. पेट्रोल और डीजल के दाम भी रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गये हैं.
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