11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

GST में भी लग गया सेंध, टैक्स चोरों ने दो महीने में लगाया 2000 करोड़ रुपये का चूना

नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का देश में लागू होने की वर्षगांठ पर मोदी सरकार जहां पूरे धूमधाम से उत्सव मनाने की तैयारी में जुट गयी है, वहीं, टैक्स चोरों ने सरकार को बीते दो महीने करीब 2000 करोड़ रुपये की चपत लगाने का कारनामा कर दिखाया है. जीएसटी जांच शाखा ने बीते […]

नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का देश में लागू होने की वर्षगांठ पर मोदी सरकार जहां पूरे धूमधाम से उत्सव मनाने की तैयारी में जुट गयी है, वहीं, टैक्स चोरों ने सरकार को बीते दो महीने करीब 2000 करोड़ रुपये की चपत लगाने का कारनामा कर दिखाया है. जीएसटी जांच शाखा ने बीते दो महीने में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ी है. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि टैक्स भुगतान में बड़ा योगदान इकाइयों के एक छोटे से वर्ग का ही है.

इसे भी पढ़ें : पिता-पुत्र ने मोदी सरकार की GST में लगायी सेंध, 287 करोड़ रुपये का लगाया चूना और फिर…

जीएसटी के तहत कुल मिलाकर 1.11 करोड़ कारोबारी इकाई रजिस्टर्ड हैं, लेकिन 80 फीसदी जीएसटी की वसूली केवल एक फीसदी इकाइयों के ही माध्यम से प्राप्त हुआ है. उन्हें इसे एक चौंकाने वाली तस्वीर बताया. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य जॉन जोसेफ ने कहा कि छोटी कारोबारी इकाइयां तो जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में गलती कर रही रही हैं और बहुराष्ट्रीय तथा बड़ी कंपनियां भी चूक कर रही हैं.

यहां उद्योग मंडल एसोचैम के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अगर आप कर राजस्व भुगतान के तौर तरीकों पर नजर डालें, तो चिंताजनक तस्वीर सामने आती है. एक करोड़ से अधिक कारोबारी इकाइयों ने पंजीकरण करवाया है, लेकिन टैक्स के स्रोत को देखा जाए, तो एक लाख से भी कम लोग ही 80 फीसदी टैक्स का भुगतान कर रहे हैं. कोई नहीं जानता कि प्रणाली में क्या हो रहा है और यह अध्ययन का महत्वपूर्ण विषय है.

जोसेफ वस्तु एवं सेवा कर आसूचना (जीएसटी) महानिदेशक (डीजी जीएसटीआई) भी हैं. आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर उन्होंने कहा कि काफी कुछ अनुपालन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कंपोजिशन योजना में आने वाली इकायों का आंकड़ा कहता है कि इसमें ज्यादा तर का वाषिक कारोबार 5 लाख रुपये. इस योजना के तहत सालाना डेढ़ करोड़ तक का कारोबार करने वाली रेस्त्रां, विनिर्माण और ट्रेडिंग इकाइयां को रियायती दर पर कर भरने की छूट है.

उन्होंने कहा कि इनमें व्यापार और विनिर्माण इकइयों पर कंपोजीशन टैक्स एक फीसदी और रेस्त्रां कारोबारियों पर पांच फीसदी की दर से लगाया गया है. उन्होंने कहा कि एक दो महीने के थोड़े से ही समय में हमने 2000 करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी है, जो कि ‘एक नमूना भर’ हो सकता है. सरकार के राजस्व को चुराया जा रहा है. इसे रोकने के लिए जीएसटी खुफिया साखा प्रयास तेज करेगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें