नयी दिल्ली : पिछले साल जुलार्इ महीने में एक देश एक कर की तर्ज पर लागू की गयी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से वसूली गयी रकम पर सरकार ने शुक्रवार को दावा किया है कि उसने अगस्त, 2017 से मार्च, 2018 तक करीब 7.41 लाख करोड़ रुपये की वसूली कर ली है. शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने माइक्रो ब्लाॅगिंग साइट ट्विटर पर किये गये ट्वीट में इस बात का दावा किया है. पिछले साल जुलार्इ महीने की शुरुआत में ही लागू की गयी इस कर प्रणाली के बाद केंद्र और राज्यों के क्रमश: उत्पाद शुल्क एवं वैट सहित बहुत से कर जीएसटी में समा गये हैं.
Including the collection of July, 2017, the total GST Collections during the Financial Year 2017-18 stands provisionally at Rs. 7.41 Lakh Crore.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 27, 2018
वित्त मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा कि जीएसटी से 2017-18 की अगस्त-मार्च की अवधि में कुल कर संग्रह 7.19 लाख करोड़ रुपये रहा. जुलाई 2017 के कर संग्रह को शामिल करने पर 2017-18 में कुल जीएसटी संग्रह अस्थायी तौर पर 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी ) से प्राप्त 1.19 लाख करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी ) से मिले 1.72 लाख करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के 3.66 लाख करोड़ रुपये (जिसमें आयात से 1.73 लाख करोड़ रुपये भी शामिल) और उपकर से प्राप्त 62,021 करोड़ रुपये (जिसमें आयात पर उपकर के 5,702 करोड़ रुपये ) शामिल हैं.
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वित्त मंत्रालय ने इसके आगे की जानकारी देते हुए ट्वीट किया है कि अगस्त-मार्च की अवधि के दौरान औसत मासिक जीएसटी संग्रह 89,885 करोड़ रुपये रहा. 2017-18 के आठ महीनों में राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 41,147 करोड़ रुपये दिये गये हैं. जीएसटी कानून के तहत इस नयी कर व्यवस्था के कारण पांच साल तक राज्यों के राजस्व में गिरावट की भरपाई केंद्र करेगी. इसके लिए विलासिता और अहितकर उपभोक्ता वस्तुओं पर विशेष उपकर लागू किया गया है.
मंत्रालय के ट्वीट के अनुसार, राजस्व हानि की गणना के लिए 2015-16 की कर आय को आधार बनाते हुए उसमें सालना औसत 14 फीसदी की वृद्धि को सामान्य संग्रह माना गया है. मंत्रालय के मुताबिक, पिछले आठ महीने में प्रत्येक राज्य के राजस्व में कम घटी है और यह औसतन 17 प्रतिशत रही है.
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