17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जर्मनी-जापान को पछाड़कर भारत 2028 तक बन जायेगा विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था : HSBC

मुंबई : भारत अगले दस साल में जापान और जर्मनी को पछाड़कर विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन जाएगा लेकिन इसके लिए सतत सुधार तथा सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान देने की जरुरत होगी. ब्रिटेन के बैंक एचएसबीसी ने यह उम्मीद जतायी. एचएसबीसी ने कहा कि भारत में सामाजिक पूंजी अपर्याप्त है और स्वास्थ्य एवं […]

मुंबई : भारत अगले दस साल में जापान और जर्मनी को पछाड़कर विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन जाएगा लेकिन इसके लिए सतत सुधार तथा सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान देने की जरुरत होगी. ब्रिटेन के बैंक एचएसबीसी ने यह उम्मीद जतायी. एचएसबीसी ने कहा कि भारत में सामाजिक पूंजी अपर्याप्त है और स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी चीजों पर खर्च न सिर्फ देश हित में है बल्कि आर्थिक वृद्धि और राजनीतिक स्थिरता के लिए भी जरुरी है.

भारत को कारोबार आसान करने और इससे संबंधित पहलुओं पर भी काफी ध्यान देने की जरुरत है. एचएसबीसी के अर्थशास्त्री ने कहा, अगले दस साल में भारत डॉलर के सांकेतिक आधार पर जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा. खरीद क्षमता के आधार पर यह और पहले हो जायेगा.

बैंक ने आबादी और वृहद स्थिरता को देश की मुख्य ताकत बताया. उसके अनुमान के अनुसार, भारत 2028 तक सात हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा. यह छह हजार अरब डॉलर के जर्मनी और पांच हजार अरब डॉलर के जापान की तुलना में अधिक होगा. वित्त वर्ष 2016-17 में भारत 2300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था रहा है और विश्व में यह पांचवें स्थान पर काबिज है.

एचएसबीसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि की दर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण वित्त वर्ष 2016-17 के 7.1 प्रतिशत की तुलना में नीचे रहेगा. इसमें अगले साल से सतत तरीके से सुधार होता जायेगा. उसने सुधार की प्रक्रिया बंद होने को भी नुकसानदेह बताया.

उसने कहा, सुधारों के दायरे में संकुचित हो जाने की आशंका है. भारत को लगातार बदलाव की पारिस्थितिकी तैयार करने की जरुरत है. जीएसटी का जिक्र करते हुए बैंक ने कहा कि भारत में असंगठित उद्यम काफी संख्या में रोजगार के अवसर मुहैया कराते हैं. वे कर की ऊंची दर की प्रतिक्रिया में कारखाने बंद या लोगों की छंटनी कर सकते हैं.

रोजगार के अवसरों के बिना वृद्धि की चिंताओं के प्रति बैंक ने कहा कि देश में ई-कॉमर्स सेक्टर अगले दशक तक 1.2 करोड अवसरें मुहैया करायेगा जो कि कुल 2.4 करोड़ गिरावट का आधा होगा. उसने कहा कि रोजगार के अवसरों के सृजन का एक अन्य मुख्य क्षेत्र सामाजिक क्षेत्र हो सकता है. इसमें स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे मोर्चों पर काफी काम किये जाने की जरुरत है.

बैंक ने कहा कि भारत सेवा क्षेत्र आधारित अर्थव्यवस्था बना रहेगा लेकिन इसे विनिर्माण और कृषि क्षेत्र पर भी अधिक ध्यान देने की जरुरत है. उसने आगे कहा कि भारत की कहानी निर्यात आधारित चीन से अलग होगी. 55 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं का घरेलू उपभोग इसमें महत्वपूर्ण कारक होगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें