Meesho IPO: भारत में तेजी से उभरती ई-कॉमर्स कंपनी मीशो का बहुचर्चित आईपीओ बुधवार 3 दिसंबर को अपना आईपीओ पेश करेगी. टियर-2 और टियर-3 शहर के निवेशक इस पब्लिक इश्यू को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. इन दोनों टाइप के शहरों पर कंपनी की पकड़ पहले से ही काफी मजबूत है.
मीशो के आईपीओ का प्राइस बैंड
मीशो के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का प्राइस बैंड 105 रुपये से 111 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. इसका आईपीओ दो हिस्सों में विभाजित है. इश्यू में (4250 करोड़ रुपये का नया शेयर निर्गम होगा और करीब 10.55 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल होगा. बोली लगाने का न्यूनतम लॉट 135 शेयर है. यह स्ट्रक्चर खुदरा निवेशकों और गैर-संस्थागत निवेशकों को संतुलित अवसर देती है. इसमें करीब 15% कोटा गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए और 10% कोटा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है.
मीशो का बिजनेस मॉडल
मीशो ने सोशल कॉमर्स मॉडल से अपनी शुरुआत की थी, लेकिन समय के साथ यह एक फुल-स्केल मार्केटप्लेस के रूप में विकसित हुई. कंपनी खुद को भारत में सबसे कम लागत वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में पेश करती है.
क्या काम करती है मीशो
- देशभर के छोटे निर्माताओं और विक्रेताओं को जोड़ना
- न्यूनतम कमीशन, सरल लॉजिस्टिक्स
- उपभोक्ताओं को कम दाम वाले उत्पाद उपलब्ध कराना
पिछले 12 महीनों में 23 करोड़ उपभोक्ताओं का खरीदारी करना इस बात का संकेत है कि प्लेटफॉर्म की पैठ कितनी गहरी है.
राजस्व के दो बड़े स्तंभ: लॉजिस्टिक्स और विज्ञापन
मीशो का राजस्व मुख्य रूप से दो प्रमुख स्रोतों से आता है. इनमें लॉजिस्टिक्स सर्विस और दूसरा विज्ञापन (सेलर एड) हैं. कंपनी के अनुसार, दोनों क्षेत्रों में लगातार ग्रोथ हो रहा है. ई-कॉमर्स उद्योग में विज्ञापन (लिस्टिंग प्रमोशन) राजस्व का मजबूत और स्थिर स्रोत होता है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत देता है.
नकदी प्रवाह और लाभप्रदता की दिशा
मीशो के सीईओ विदित आत्रे के अनुसार, कंपनी पिछले दो वर्षों से सकारात्मक कैश फ्लो में है. आगे रणनीति तेज बिजनेस विस्तार, तकनीकी संरचना और ब्रांड बिल्डिंग पर फोकस करेगी. लेखा लाभ भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि लागत दक्षता लगातार सुधर रही है. किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए कैश फ्लो पॉजिटिव होना बहुत बड़ी बात है. यह निवेशकों का विश्वास मजबूत करता है.
कैश ऑन डिलीवरी में गिरावट
भारत में डिजिटल पेमेंट (खासकर यूपीआई) में आई तेजी से बढ़ते उपयोग का सीधा फायदा मीशो को हुआ है. कैश ऑन डिलीवरी तीन साल पहले 95% था, अब 70% तक गिर गया है, जो लॉजिस्टिक लागत कम करने और रिटर्न रेट को घटाने में मदद करता है.
IPO से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल
आईपीओ से आई रकम का कंपनी तीन प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करेगी. इसमें नई तकनीकी अवसंरचना, मार्केटिंग और ब्रांड बिल्डिंग और संभावित अधिग्रहण शामिल हैं.
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हाई रिस्क–हाई पॉसिबिलिटी वाला यूजर बेस्ड आईपीओ
मीशो का बिजनेस मॉडल भारत के विशाल बजट-फ्रेंडली ऑनलाइन मार्केट से मेल खाता है. सकारात्मक कैश फ्लो, बड़े ग्राहक आधार और मजबूत टेक इंफ्रा इसे आकर्षक बनाते हैं. हालांकि, ई-कॉमर्स में फ्लिपकार्ट, अमेजन और नए खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा काफी तेज है. इसलिए यह आईपीओ उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो विकास-उन्मुख और मध्यम अवधि का जोखिम लेने चाहते हैं.
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