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बिहार के शिक्षक अब मना सकेंगे नवरात्र, आंदोलन की चेतावनी के बाद शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण स्थगित

बिहार शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर कहा है कि 21 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले टीचर्स ट्रेनिंग को अपरिहार्य कारणों से 17 अक्टूबर से स्थगित किया जाता है. इसे पूरा करने के लिए बाद में आदेश जारी किया जाएगा. सरकार ने ये फैसला शिक्षकों के विरोध के बाद वापस लिया है.

बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की नवरात्र के दौरान शुरू हुई आवासीय ट्रेनिंग को स्थगित कर दिया गया है. 16 अक्टूबर से शुरू हुए इस प्रशिक्षण को लेकर शिक्षकों के साथ-साथ बीजेपी के नेता भी विरोध कर रहे थे. जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले को वापस लेते हुए इसे स्थगित कर दिया है. इस संबंध में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) के निदेशक सज्जन आर की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि 16 अक्टूबर 2023 से 21 अक्टूबर 2023 तक राज्य के प्रशिक्षण संस्थानों में जो भी ट्रेनिंग संचालित हैं. उसे 17 अक्टूबर से अपरिहार्य कारणों से स्थगित किया जाता है.

16 से 21 अक्टूबर तक होना था प्रशिक्षण

राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 से 21 अक्टूबर तक आयोजित किया जाना था. इस संबंध में एससीइआरटी के निदेशक ने 12 अक्तूबर को ही पत्र लिख कर संबंधित डीइओ, डीपीओ के साथ ही सीटीइ प्राचार्यों को जानकारी दी थी. इस आवासीय प्रशिक्षण में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी.

पहले दिन कई शिक्षकों ने भूख हड़ताल पर रह कर लिया था प्रशिक्षण

एससीइआरटी के इस शिक्षण प्रशिक्षण का 16 अक्टूबर को विभिन्न शिक्षक संगठनों ने विरोध किया था. इसमें विभिन्न शिक्षक संगठनों के शिक्षकों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में विरोध के तौर पर एकदिवसीय भूख हड़ताल पर रहकर प्रशिक्षण लिया. पहले दिन प्रशिक्षण में करीब 63 प्रतिशत शिक्षक ही शामिल हुए. प्रशिक्षण में पूरे राज्य से 10858 शिक्षकों को शामिल होना था, 6878 (63.3 फीसदी) ही शामिल हुए हैं. कुल 3980 शिक्षकों ने प्रशिक्षण में शामिल होने में असमर्थता जतायी है. इनमें अधिकतर शिक्षकों ने प्रशिक्षण में शामिल नहीं होने की वजह नवरात्र की पूजा और उपवास में रहना बताया है.

शिक्षक संघ ने आंदोलन की दी थी चेतावनी

वहीं टीइटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा था कि माध्य विद्यालयों व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को 16 से 21 अक्तूबर तक आवासीय प्रशिक्षण का आदेश दिया गया है. 19 से 24 अक्तूबर तक सभी सरकारी विद्यालयों में दुर्गा पूजा की छुट्टी है. इस दौरान दुर्गा पूजा के कारण शिक्षक फलाहार पर भी रहते हैं. ऐसे में दुर्गा पूजा की छुट्टी की अवधि में आवासीय प्रशिक्षण कहीं से उचित नहीं है. छुट्टी के दौरान प्रशिक्षण स्थगित करने का जल्द आदेश दिया जाये या प्रशिक्षण तिथि को आगे बढ़ाया जाए. अगर सरकार जल्द ही इस आदेश को वापस नहीं लेगी तो संगठन जल्द ही आंदोलन की घोषणा करेगा.

नई तिथि का एलान जल्द

शिक्षक संघ के आंदोलन के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस लेते हुए ट्रेनिंग कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है. हालांकि इसकी नई तिथि का एलान जल्द हो सकता है. इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसी देनी है इसकी ट्रेनिंग दी जानी थी. साथ ही कंप्यूटर व डिजिटल उपकरण का उपयोग करते हुए बच्चों को बेहतर ढंग से कैसे पढ़ाया जाए इसकी ट्रेनिंग भी दी जानी थी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए गए हैं.

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बीजेपी भी कर रही थी विरोध

  • भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने नवरात्र में टीचर्स ट्रेनिंग के फैसले का विरोध करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा था कि शारदीय नवरात्र में शिक्षकों को आवासीय प्रशिक्षण के नाम पर शिक्षा विभाग प्रताड़ित कर रहा है. रक्षाबंधन में छात्रविहीन स्कूल का नजारा देखने के बाद भी बिहार सरकार हिन्दुओं के त्योहारों के साथ लगातार प्रताड़ना का प्रयोग कर रही है. बिहार की जनता इसका मुकम्मल जबाव देगी.

  • भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने भी दुर्गा पूजा अवधि में शिक्षकों की ट्रेनिंग के निर्णय को लेकर शिक्षा मंत्री पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि विभागीय खामियों को छुपाने के लिए लिए ये रोज नया-नया प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि शिक्षा मंत्री के सनातन धर्म विरोधी वक्तव्यों और धर्म ग्रंथों की लगातार निंदा के बाद से ही स्पष्ट हो गया था कि ये वोट के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण के एजेंडा पर काम कर रहे हैं. लेकिन अब सनातन के संतानों को तुगलकी फरमानों के जरिए नीचा दिखाने की इनकी नीयत खतरनाक और अलोकतांत्रिक है. राज्य की जनता अवगत है कि रक्षाबंधन त्योहार के समय विद्यालयों की छुट्टी रद्द कर दी गयी थी. उन्होंने कहा कि विभागीय कमियों को दूर करने हेतु मंत्री को गंभीर होना चाहिए. उन्हें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि शिक्षा विभाग उनसे छीना जा रहा है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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