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बिहार के 200 से अधिक प्राचार्यों को अगले आदेश तक नहीं मिलेगा वेतन, जानिए शिक्षा विभाग ने क्यों लिया एक्शन

उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने द्वारा एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें 200 से अधिक अनुदानित कॉलेजों के प्राचार्यों व सहायक प्राचार्यों का वेतन अगले आदेश तक रोकने को कहा गया है. यह आदेश उन कॉलेजों पर प्रभावी होगा, जिन्हें छात्र-छात्राओं के रिजल्ट के आधार पर सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है

बिहार शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने के लिए स्कूल-कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और प्राचार्यों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने 200 से अधिक अनुदानित कॉलेजों के प्राचार्यों व सहायक प्राचार्यों का वेतन अगले आदेश तक स्थगित करने के आदेश दिया हैं. यह आदेश उन कॉलेजों पर प्रभावी होगा, जिन्हें छात्र-छात्राओं के रिजल्ट के आधार पर सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है और जिन्होंने शिक्षा विभाग की तरफ से बार-बार मांगी गयी जानकारी गूगल शीट पर उपलब्ध नहीं करायी है. यह आदेश उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने शुक्रवार को जारी किया हैं.

उच्च शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश

उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा जारी आदेश में दो टूक बता दिया गया है कि यह आदेश कॉलेज की आंतरिक स्रोत की राशि से दी जाने वाली राशि पर भी प्रभावी होगा. कॉलेज उस राशि से भी प्राचार्यों के वेतन का भुगतान नहीं कर सकेगा. उच्च शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों को पत्र लिख कर इस आदेश का पालन कराने के लिए कहा है. विभाग के बार-बार कहने पर भी सूचना उपलब्ध न कराने की वजह से विभाग ने नाराजगी जताते हुए यह कार्रवाई की है.

गूगल सीट पर कालेजों ने नहीं अपलोड की जानकारी

उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने आदेश दिया हैं कि अनुदानित कॉलेजों के आलवा कई प्रोफेशनल / वोकेशनल / बीएड कोर्स संचालित करने वाले निजी कॉलेजों ने भी शिक्षा विभाग द्वारा मांगी गई जानकारी गूगल सीट पर अपलोड नहीं की हैं. ऐसे कॉलेजों की संबद्धता रद्द करने की कार्रवाई करने को भी कहा गया है. ऐसे कॉलेजों की संख्या तीन सौ से अधिक बतायी गयी है, जो प्रतिदिन का ब्योरा विभाग को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. दरअसल यह वह कॉलेज हैं,जिन्हें शिक्षा विभाग अनुदान नहीं देता है. फिलहाल इस पूरे मामले से शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों को जरूरी कदम उठाने के लिए कह दिया है.

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शिक्षा विभाग ने क्यों की कार्रवाई?

जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग द्वारा यह सख्त कार्रवाई कॉलेजों की लापरवाही सामने आने के बाद की गई है. रोज अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ राज्य स्तर के शिक्षा विभाग के शीर्ष अफसरों से विमर्श होता है. शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए इन कॉलेजों को जानकारी गूगल शीट पर देनी होती थी. कुछ विद्यालय यह जानकारी देते हैं. गूगल शीट पर अधिकतर कॉलेज जानकारी नहीं दे रहे हैं. शिक्षा विभाग ने इसे कॉलेजों की गंभीर लापरवाही माना है. चार नवंबर को इस संदर्भ में विशेष दिशा निर्देश भी दिये गये थे.

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गूगल शीट में देनी है ये जानकारी

उच्च शिक्षा निदेशक के पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए हर शिक्षण संस्थान को प्रतिदिन गूगल-शीट में सूचनाओं को अपडेट करना है. हर कॉलेज को गूगल शीट के माध्यम से यह बताना है कि कॉलेज में किस दिन कितने शिक्षक और विद्यार्थी आए हैं और कितनी कक्षाएं हुई. अगर छात्र-छात्राओं के लिए अलग से कोई गतिविधि हुई तो उसकी जानकारी भी देनी होगी. हर यूनिवर्सिटी को ये भी कहा गया है कि वे अपने स्तर से भी निर्देश जारी करें कि हर कॉलेज प्रतिदिन हर हाल में गूगल-शीट पर सभी सूचना उपलब्ध कराये.

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