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बिहार के 12 ट्रैफिक जिलों में मैनुअल चालान बंद, दरभंगा, भागलपुर में भी अब हैंडहेल्ड डिवाइस से कटेगा ई-चालान

गुरुवार को एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार ने बिहार पुलिस मुख्यालय के सभागार में संबंधित पुलिसकर्मियों के बीच 638 एचएचडी का वितरण व इसके संचालन का प्रशिक्षण देते हुए इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए दो से तीन दिनों में मैनुअल चालान पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा.

सुमित कुमार पटना. सूबे के 12 ट्रैफिक जिलों में एक अगस्त से मैनुअल ट्रैफिक चालान कटना बंद हो जायेगा. इन जिलों के ट्रैफिक पुलिसकर्मी ऑटोमेटिक या हैंडहेल्ड डिवाइस (एचएचडी) के जरिये इ-चालान काटेंगे. गुरुवार को एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार ने बिहार पुलिस मुख्यालय के सभागार में संबंधित पुलिसकर्मियों के बीच 638 एचएचडी का वितरण व इसके संचालन का प्रशिक्षण देते हुए इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए दो से तीन दिनों में मैनुअल चालान पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा.

दूसरे चरण में इन जिलों में लागू हो रही नयी व्यवस्था

एडीजी ने बताया कि पहले चरण में स्मार्ट सिटी पटना, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में ऑटोमेटिक इ-चालान की व्यवस्था कर दी गयी है. इसके बाद दूसरे चरण में ट्रैफिक जिले के रूप में अधिसूचित 12 जिलों के पुलिसकर्मियों को शत-प्रतिशत हैंड हेल्ड डिवाइस से लैस किया जा रहा है. पूर्व में सभी जिलों को 479 एचएचडी आवंटित किये गये थे. गुरुवार को 12 जिलों के पुलिसकर्मियों को 638 एचएचडी बांटा गया.

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भी रखा अपना पक्ष

भागलपुर में भी जल्द कटेगा कैमरों से चालान

स्मार्ट सिटी योजना के तहत चुने गये चारों शहर पटना, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ और भागलपुर में कैमरों की मदद से ई-चालान काटा जाना है. इसमें पटना व मुजफ्फरपुर में अप्रैल महीने से ही कैमरों से तस्वीर लेकर ई-चालान काटा जा रहा है. पटना में करीब साढ़े चार करोड़ जबकि मुजफ्फरपुर में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का चालान काटा जा चुका है. बिहारशरीफ में इसका ट्रायल किया जा रहा है. यहां अगले माह तक कैमरों से चालान कटने लगेगा. वहीं भागलपुर में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) का निर्माण पूरा होते ही कैमरों से चालान कटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

दोबारा नियम तोड़ने वाले होंगे चिह्नित

ई-चालान से जुर्माना वसूली में पारदर्शिता तो आएगी ही, चालान कटने के बाद डाटाबेस भी बनेगा. इससे दोबारा नियम तोड़ने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी. मैनुअल चालान में इसकी पहचान मुश्किल होती है. बार-बार नियम तोड़ने वाले ड्राइवरों का लाइसेंस रद्द करने की भी अनुशंसा की जाएगी. पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, आरा, छपरा, बिहारशरीफ, दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में बंद होगा मैनुअल चालान.

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एचएचडी से फोटो सहित निर्गत होगा इ-चालान

ट्रैफिक अधिकारियों ने बताया कि एचएचडी 4-जी सिमयुक्त स्मार्ट मशीन है. इसमें ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का फोटो या वीडियो लेने की सुविधा है. यह एनआइसी के वाहन एवं सारथी पोर्टल से जुड़ा हुआ है. मशीन में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को कैमरे से खींच कर वाहन नंबर या डीएल की इंट्री के बाद अपराध का सेलेक्शन करते ही इ-चालान निर्गत हो जाता है. दोबारा अपराध करने की स्थिति में एचएचडी अलार्म करता है, जिससे डीएल सस्पेंशन की कार्यवाही हो पाती है. मशीन से फाइन का दुरुपयोग रोकने के लिए व्यापक प्रोटोकॉल बनाया गया है.

एचएचडी चलाने वाले कर्मियों को मिलेगा बॉडी वॉर्न कैमरा

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक एचएचडी के माध्यम से फाइन करने वाले पदाधिकारियों को चरणबद्ध तरीके से बॉडी वॉर्न कैमरा उपलब्ध कराया जायेगा. इसकी मॉनिटरिंग एवं शिकायतों के निवारण को लेकर ट्रैफिक डीएसपी या मुख्यालय डीएसपी को जिले का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. मुख्यालय स्तर पर एडीजी ट्रैफिक के कार्यालय में डैशबोर्ड कार्यरत रहेगा.

इ-चालान से फाइन में आयेगी पारदर्शिता

एडीजी ट्रैफिक ने बताया कि मैनुअल चालान की तुलना में एचएचडी के इ-चालान से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध होने वाली कार्रवाई में पारदर्शिता एवं एकरूपता आयेगी. साथ ही भ्रष्ट आचरण जैसी शिकायतों पर भी लगाम लगेगी. इसके माध्यम से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का डिजिटल ऑनलाइन डेटा उपलब्ध होगा, जिसके विश्लेषण से सड़क सुरक्षा में प्रभावी उपाय किये जा सकेंगे. अधिकारी ने बताया कि पहले सिर्फ थानाध्यक्ष, ओपी अध्यक्ष एवं वरीय स्तर के पदाधिकारियों को ही फाइन लगाने की शक्ति थी, पर 21 जून 2023 से राज्य के सभी जिलों में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक एवं उनसे वरीय पुलिस पदाधिकारियों को फाइन लगाने की शक्ति प्रदान कर दी गयी है.

एमवी एक्ट में दो अतिरिक्त धाराएं जोड़ी गयी

पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि एमवी एक्ट में दो अतिरिक्त धाराएं जोड़ी गयी हैं. धारा 194 (क) के तहत किसी वाहन पर प्राधिकृत यात्रियों से अधिक सवारी बिठाने पर प्रति व्यक्ति 200 रुपये जुर्माना लगाने जबकि धारा 196 में बीमा न कराये गये वाहन को चलाने पर दो हजार रुपये तक का दंड और तीन माह की सजा का प्रावधान किया गया है. इनमें जुर्माना की शक्ति मिलने से अब तिपहिया वाहनों में ओवर लोडिंग पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

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