7.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

‘मधुबनी के SP को नहीं है कानून की जानकारी, ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेजा जाए’- झंझारपुर कोर्ट की टिप्पणी

Bihar Police Madhubani SP News: मधुबनी पुलिस अधीक्षक को कानून की सही जानकारी नहीं है. इन्हें एक बार फिर से कानून की ट्रेनिंग लेनी चाहिए. इसके लिये जिले के एसपी, एसडीपीओ, झंझारपुर और थाना प्रभारी भैरवास्थान हो हैदराबाद जाना चाहिए. यह टिप्पणी झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने की है.

मधुबनी पुलिस अधीक्षक को कानून की सही जानकारी नहीं है. इन्हें एक बार फिर से कानून की ट्रेनिंग लेनी चाहिए. इसके लिये जिले के एसपी, एसडीपीओ, झंझारपुर और थाना प्रभारी भैरवास्थान हो हैदराबाद जाना चाहिए. यह टिप्पणी झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने की है.

दरअसल, भैरवस्थान थाना के एक नाबालिग का अपहरण, बाद में उसके साथ दुष्कर्म के मामले मे मेडिकल रिपोर्ट आये बिना ही एसपी ने थानाध्यक्ष व डीएसपी के द्वारा दिये गये रिपोर्ट को ट्रू कर दिया. साथ ही जिस मामले में पास्को एक्ट लगना चाहिये, दुष्कर्म का धारा 376 को लगाना चाहिये वह धारा भी नहीं लगाया गया. कोर्ट ने मामले में हैरत जताते हुए कहा है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से इस तरह की गलती कैसे हो सकती है?

कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि नाबालिग से दुष्कर्म मामले में किसी प्रकार के सुलह की तो बातें ही नहीं हो सकती है, जबकि आरोपित ने पुलिस के रिपोर्ट के आधार पर सुलह करते हुए कोर्ट से जमानत की मांग किया था. हालांकि कोर्ट ने आरोपित को जमानत नहीं दिया.

Undefined
'मधुबनी के sp को नहीं है कानून की जानकारी, ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेजा जाए'- झंझारपुर कोर्ट की टिप्पणी 3

बिना जांच के सुपरविजन पड़ा मंहगा – बिना जांच किए सुपरविजन रिपोर्ट को सत्य करना एसपी को मंहगा पड़ा. झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने भैरवस्थान थाना द्वारा अपहरण व दुष्कर्म के मामले को सही धारा नही लगाए जाने व थाना के रिपोर्ट को एसपी द्वारा सही करने के मामले को गंभीरता से लिया है.

पुलिस ने नहीं माना मामले को पॉस्को का मामला- जानकारी के अनुसार भैरवस्थान थाना में नाबालिग के अपहरण मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज था. प्राथमिकी अभियुक्त बलबीर सदाय द्वारा जमानत आवेदन एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कोर्ट में दाखिल किया था. जो 25 फरवरी 21 से न्यायिक हिरासत में था.

उक्त प्राथमिकी में एसपी द्वारा रिपोर्ट टू आने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र जमा किया गया. जिसमें अपहरण का पुलिस द्वारा धारा 363,366 ए एवं 34 में दर्ज किया था. जमानत आवेदन सुनवाई के दौरान पीड़िता के नाबालिग होने की बात सामने आयी. जबकि रिपोर्ट टू में भी इसका बिना जिक्र करते हुए पीड़िता को बालिग मान कर अनुसंधानकर्ता द्वारा आरोप पत्र दायर कर दिया था. न्यायालय ने इसे पोस्को का मामला माना. लेकिन पुलिस द्वारा अनुसंधान में पोस्को का मामला नही मानकर आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

एसीजेएम से स्पष्टीकरण- उक्त मामले में पीड़िता का बयान एसीजेएम तृतीय द्वारा लिया गया था. जिसमें पीड़िता की उम्र 19 वर्ष बताया गया था. लेकिन मेडिकल बोर्ड के रिपोर्ट नाबालिग होने के बाद भी पोस्को एक्ट नही लगाया था. जिसे न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए एसीजेएम से स्पष्टीकरण मॉगा है. इधर पुलिस अधीक्षक, डीएसपी, भैरव स्थान थानाध्यक्ष को पॉस्को एक्ट के बारे में कोई जानकारी नही होने को मानते हुए पुनः प्रशिक्षण कराने को वरीय पदाधिकारी के साथ साथ सरकार को पत्र दिया है .

मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता नाबालिग- न्यायालय में इस मामले में अभियुक्त द्वारा पीड़ित पक्ष से सुलह कर लिये जाने की जानकारी देते हुए जमानत देने की गुहार लगायी गयी. लेकिन न्यायालय द्वारा मेडिकल रिर्पोट में पीड़िता को नाबालिग मानते हुए जमानत खारिज कर दिया. यहां यह बता दें कि कोर्ट कहा है कि पीड़िता गर्भवती है और उसके पेट में आरोपी बलबीर सदाय का बच्चा पल रहा है. ऐसे में इस मामले में 376 में भी संज्ञान होना चाहिये था. जो पुलिस द्वारा नहीं लिया गया.

इनपुट : रमन कुमार मिश्र

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel