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डॉ. निशिकांत

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स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत

महामारी पर काबू पाने के लिए कोरोना वायरसकी वैक्सीन को विकसित करने के लिए दुनियाभर में अभूतपूर्व तरीके से कोशिशकी जा रही है.

भारतीय अर्थतंत्र के पीछे चीन की चाल

किस को और किस दर पर भारतीय बैंकों द्वारा ऋण दिया जायेगा, क्या उसे विदेश रेटिंग एजेंसियां तय करेंगी? निजी विदेशी कंपनियां भारत में क्रेडिट की नियामक कैसे बन सकती हैं? चीन और रूस घरेलू स्तर पर इन विदेशी एजेंसियों को संचालन की अनुमति नहीं देते.

चीन के खिलाफ आक्रामक पहल

यदि भारत क्षेत्रीय स्थिरता बनाने में सक्षम है और 1914 के शिमला समझौते के अनुसार तिब्बत की स्वतंत्रता की मांग उठाता है, तो वह पश्चिमी और दक्षिण-पूर्व एशियाई शक्तियों का समर्थन हासिल कर सकता है.

आत्मनिर्भरता के लिए आसान कर्ज

जब पूंजी आसानी से और कम दामों पर उपलब्ध होगी, तो सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि बजट में दो नये वित्तीय संस्थानों के निर्माण का प्रस्ताव है- एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (एआरसी) और डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (डीएफआइ). ये दोनों संस्थान उस आवश्यक क्रेडिट ग्रोथ की कमी को पूरा करने में मददगार होंगे, जिसके चलते तेजी से आर्थिक सुधार के प्रयास बाधित हुए थे. भारत में, विशेष रूप से घरेलू कंपनियों के लिए कॉमर्शियल क्रेडिट ग्रोथ के साथ, प्रस्तावित डीएफआइ ज्यादा नौकरियां पैदा करने के साथ निजी निवेश की नयी लहर लेकर आयेगा.

क्रिप्टोकरेंसी पर ठोस फैसले की जरूरत

हाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘डिजिटल रुपी' की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत उन कुछ पहले ऐसे देशों में है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित नवाचार और डिजिटल करेंसी को भी बढ़ावा दे रहे हैं