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अनिल त्रिगुणायत

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यूरोप के साथ भारत के मजबूत होते रिश्ते, पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत का आलेख

India Europe relations : ब्रिटेन के अलावा यूरोपीय संघ से भी मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता चल रही है. यूरोपीय संघ फिलहाल दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपने संबंध मजबूत करने की कोशिश में है. इसी के तहत संघ की अध्यक्ष उर्सूला बॉन डेर लेयेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर 27-28 फरवरी को कुल 27 में से 22 कैबिनेट सहयोगियों के साथ, जिन्हें इयू कॉलेज ऑफ कमिशनर्स कहा जाता है, भारत यात्रा पर आयी थीं.

यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका-रूस एक साथ

America and Russia : अमेरिका और रूस के साथ यूरोप के मौजूदा रिश्ते को देखें, तो भी अजीब विरोधाभास दिखता है. शीतयुद्ध के दौर में पश्चिमी यूरोप की प्रभावशाली कम्युनिस्ट पार्टियों के तत्कालीन सोवियत संघ से गहरे रिश्ते थे, और अमेरिका इनके विरोधियों को आर्थिक और राजनीतिक मदद देता था.

ट्रंप के व्यापार युद्ध का असर पूरी दुनिया पर, पढ़ें पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत...

Donald Trump : ट्रंप प्रशासन ने चीनी उत्पादों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया है. उसने मेक्सिको और कनाडा से आयातित उत्पादों पर 25 प्रतिशत व्यापार शुल्क लगाने की घोषणा की थी, हालांकि कनाडा के ऊर्जा संसाधनों पर उसने 10 प्रतिशत शुल्क लगाने का ही एलान किया था.

भारत-कुवैत रणनीतिक रिश्तों का अर्थ, पढ़ें पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत का खास आलेख

India-Kuwait strategic relations : कुवैत पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के पास नये कुवैत के लिए जरूरी मानव संसाधन, कौशल और तकनीक है. उनकी यह टिप्पणी दरअसल कुवैत के साथ भारत के संबंधों की गहराई के बारे में बताती है.

सीरिया में असली चुनौती अब शुरू होगी

Syria News : सीरिया में शांति और स्थिरता कायम करने के अलावा लोगों की बेहतरी के लिए भी काम करना पड़ेगा. वहां की 90 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे बतायी जाती है. दशकों के गृहयुद्ध को देखते हुए उसके पास अपने संसाधन बहुत कम बचे हैं.

भारत-चीन संबंधों में सराहनीय सुधार

India-China relations : चीन ने भारत की मांग को मान लिया है, जिसे हम परस्पर विश्वास बनाने की पहल या सहमति कह सकते हैं. इस सहमति से इस संभावना को बल मिला है कि रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों के नेताओं की शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हो.

बढ़ते तनाव के लिए कनाडा जिम्मेदार

भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव गंभीर हो गया है, पर यह स्थिति अचानक से नहीं बिगड़ी है.

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के मायने

PM Modi US visit: अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वहां से बड़ी मात्रा में निवेश भी आता रहा है. साथ ही, दोनों देश सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र भी हैं. ऐसे में दोनों देशों में विचारों में बहुत हद तक समानता है.

Russia-Ukraine: रूस-यूक्रेन युद्ध रोक में भारत की मध्यस्थता के मायने

Russia-Ukraine:यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की यह चिंता भी है कि अगर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीतते हैं, तो वे जल्दी लड़ाई समाप्त कराने का प्रयास करेंगे. यह सब जानते हैं कि यूरोप अकेले इस युद्ध को आगे नहीं ले जा सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे का असर दुनियाभर में पड़ता है.
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