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वसुंधरा बिना किसी बडे नेता से मिले ही वापस लौटी जयपुर, इस्तीफे को लेकर प्रदर्शन

नयी दिल्ली : राजस्थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के बाद बिना पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मिले ही जयपुर रवाना हो गयी. पहले यह खबर आई थी कि वह आज नीति आयोग की बैठक के बाद अलग से पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित […]

नयी दिल्ली : राजस्थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के बाद बिना पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मिले ही जयपुर रवाना हो गयी. पहले यह खबर आई थी कि वह आज नीति आयोग की बैठक के बाद अलग से पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिल सकतीं हैं जिसमें वह ललित मोदी मामले पर अपनी सफाई दे सकती है. लेकिन बैठक खत्म होते ही वह जयपुर के लिए रवाना हो गयी. इसी बीच जयपुर में वसुंधरा के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. वसुंधरा के दिल्ली से वापस लौटने के बाद वहां उनके खिलाफ प्रदर्शन किया गया और इस्तीफे की मांग की गयी.

वसुंधरा के दफ्तर से जारी बयान के अनुसार वसुंधरा राजे का किसी बडे नेता से दिल्ली में कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था. वह केवल नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए गयी थी. मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही थी की भाजपा के बडे नेताओं ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया इसलिए वह किसी नेता से नहीं मिल पायी. इसी मामले में सफाई देते हुए वसुंधरा के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया कि दिल्ली में किसी भी बडे नेता से उनके मिलने का कार्यक्रम नहीं था.

जानकारी के अनुसार राजे ने आज सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा था लेकिन उनकी ओर से कहा गया कि आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. सभी कागजात की जांच की जा चुकी है.

उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह की कंपनी पर पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के निवेश से सीधा फायदा होने का गंभीर आरोप लगा है. साथ ही वसुंधरा राजे द्वारा ललित मोदी का गवाह बनने व उनके दस्तावेज में हस्ताक्षर करने का मामला भी सामने आया है.

मोदी-शाह की हुई मुलाकात

ललितगेट मामले को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह की मुलाकात हुई. यह मुलाकात करीब दो घंटे तक चली. ऐसा माना जा रहा है कि ललित मोदी मामले में घिरी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. इससे पहले पार्टी हाई कमान अमित शाह और प्रधानमंत्री से अरुण जेटली मिल चुके हैं, इस मुलाकात के बाद उन्हें क्लीन चीट दे दी गयी है. हालांकि औपचारिक तौर पर अभी इसकी घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस के वसुंधरा का इस्तीफा लगातार मांगे जाने के बीच अंतिम निर्णय लेने के लिए मोदी-शाह-जेटली की मुलाकात हुई.

राजनाथ,गडकरी, नायडू दे चुके हैं क्लीन चिट

गृह मंत्री राजनाथ सिंह, नीतिन गडकरी, वेंकैया नायडू जैसे नेता साफ कर चुके हैं कि ललित मोदी मामले में किसी से इस्तीफा नहीं लिया जाएगा. वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अमेरिका से दिल्ली आने के कुछ ही घंटे बाद मीडिया से कहा कि मंत्रिमंडल में कोई व्यक्ति दागी नहीं है. वेंकैया नायडू ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सर्वाधिक ईमानदार और पारदर्शी तरीके से काम कर रही है. उन्होंने आईपीएल के पूर्व प्रमुख की राजे द्वारा मदद को लेकर हो हल्ला करने के लिए कुछ नाखुश लोगों को जिम्मेदार ठहराया.

मुश्‍किल में भाजपा

ऐसा नहीं है कि भाजपा वसुंधरा मामले को लेकर नाखुश और मुश्किल में नहीं है. बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर पार्टी में दो फाड हो गया है. लेकिन जानकारों के मुताबिक बिहार चुनाव को देखते हुए पार्टी ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती है जिसका खामियाजा उसे होने वाले चुनाव में भुगताना पडे. पार्टी और सरकार को नुकसान न हो इसको देखते हुए सब फिलहाल वसुंधरा को बख्श देने के मसले पर एकमत हो गए हैं. दस्तावेज में वसुंधरा के हस्ताक्षर को लेकर कांग्रेस द्वारा किये जा रहे लगातार हमलों पर भाजपा ने कहा है कि हालांकि उसमें हस्ताक्षर वसुंधरा के हैं लेकिन अंतिम समय में अपील करने से पहले वह अपना निर्णय बदल दी थी. इसलिए यह हस्ताक्षर कानूनी रुप से मान्य नहीं है.

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