US Army seized oil tanker Venezuela: डोनाल्ड ट्रंप ने कहते-कहते आखिर कर ही दिया. अमेरिकी ने वेनेजुएला के तट के पास एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने जवानों की जांबाजी की जानकारी खुद दी. वेनेजुएला के साथ बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने इस सीज का एक वीडियो क्लिप भी जारी किया है. इसमें अमेरिकी सैनिकों को हेलिकॉप्टर के जरिए जहाज पर चढ़ते हुए देखा जा सकता है. डोनाल्ड ट्रंप ने निकोलस मादुरो को धमकी दी थी, अब उसी के अनुसार ड्रग्स पर कार्रवाई करते-करते उन्होंने तेल टैंकर को ही सीज कर दिया. मादुरो सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि तेल टैंकर की जप्ती अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकार के तहत की गई. इस अभियान का नेतृत्व यूएस कोस्ट गार्ड ने किया, जिसे नौसेना का समर्थन मिला. अधिकारी ने यह भी बताया कि कोस्ट गार्ड के जवानों को USS Gerald R. Ford एयरक्राफ्ट कैरियर से हेलिकॉप्टर के जरिए जहाज पर पहुंचाया गया. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी ने कहा कि यह टैंकर कई वर्षों से प्रतिबंधित है क्योंकि यह विदेशी आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाले अवैध तेल शिपिंग नेटवर्क में शामिल रहा है. उन्होंने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें देखा जा सकता है कि सैनिक हेलीकॉप्टर से शिप पर उतर रहे हैं.
पामेला बॉन्डी ने शेयर किया वीडियो
पामेला बॉन्डी ने कहा- आज FBI, होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशंस और यूएस कोस्ट गार्ड ने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर के सहयोग से वेनेजुएला और ईरान से प्रतिबंधित तेल ले जाने वाले एक कच्चे तेल टैंकर को जब्त करने का वारंट लागू किया…. उनके शेयर किए गए वीडियो में, अमेरिका सैनिक जहाज से वेनेजुएला के शिप के चारों ओर चक्कर लगाते दिखते हैं. इसके बाद वे शिप के डेक पर उतरते हैं और तुरंत ही वे अपने हथियारों के साथ जहाज के कंट्रोल एरिया में घुसते हैं. वे जहाज के कैप्टन की ओर बंदूक तान देते हैं. इसके बाद के फुटेज में सैनिकों को जहाज के अन्य हिस्सों में भी चलते हुए दिखाया जाता है. अमेरिकी सैनिक जहाज को अपने कब्जे में ले लेते हैं. आप भी देखें यह वीडियो-
ट्रंप ने भी की अपने बलों की तारीफ
मंगलवार को दो अमेरिकी लड़ाकू विमान वेनेज़ुएला की खाड़ी के ऊपर करीब 40 मिनट तक चक्कर लगाते रहे. ये विमान माराकाइबो शहर के उत्तरी इलाके में उड़ान भर रहे थे. इन्होंने ही जहाज पर हमला करके इसे कब्जे में लिया. इस जब्ती के बाद बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से कहा- हमने अभी-अभी वेनेजुएला के तट पर एक टैंकर को जब्त किया है, बहुत बड़ा…दरअसल अब तक का सबसे बड़ा जब्त किया गया टैंकर. ट्रंप ने बाद में कहा कि यह बहुत अच्छी वजह से जब्त किया गया है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ज्यादा विवरण नहीं दिया. जब उनसे पूछा गया कि टैंकर में मौजूद तेल का क्या होगा, तो ट्रंप ने जवाब दिया- खैर, मेरा ख्याल है कि हम इसे रखेंगे.
अमेरिका की ताकत का असामान्य प्रदर्शन
अमेरिकी बलों की इस जब्ती के माध्यम से ट्रंप प्रशासन मादुरो पर दबाव बढ़ा रहा है. ट्रंप का आरोप है कि अमेरिका में नार्कोटेररिज्म वेनेजुएला की वजह से बढ़ रहा है. अमेरिका ने इस क्षेत्र में दशकों में अपनी सबसे बड़ी सैन्य मौजूदगी तैनात की है. 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से कैरेबियन में अपनी सबसे बड़ी नौसैनिक तैनाती कर चुका है. बीते कुछ महीनों में अमेरिका ने करिबियन सागर तथा पूर्वी प्रशांत महासागर में मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल माने जाने वाले नौकाओं पर घातक हमले भी किए हैं. वेनेजुएला को टारगेट करते हुए अब तक लगभग 21 से ज्यादा हमले किए गए हैं, जिनमें 80 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
मादुरो पर कस रहा अमेरिकी शिकंजा
वेनेजुएला सरकार ने कहा है कि उसे विश्वास है कि संयुक्त राज्य अमेरिका उसके राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहा है. अगस्त 2025 से अमेरिका मादुरो के सिर पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर चुका है मादुरो ने इस जब्ती वाली कार्रवाई पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है. हालांकि अप्रत्यक्ष रूप से कराकास में एक रैली के दौरान राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने नागरिकों से योद्धा बनने और जरूरत पड़ने पर उत्तरी अमेरिकी साम्राज्य के दांत तोड़ने के लिए तैयार रहने की अपील की.
मादुरो की सत्ता पर हैं दमनकारी होने के आरोप
मादुरो 2013 से सत्ता में हैं. वह दिवंगत राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज के बाद पद पर आए थे. मादुरो पर चुनाव चोरी करने, विपक्ष को दबाने और दमनकारी नीतियों के जरिए सत्ता पर पकड़े रहने के गंभीर आरोप हैं. उन्होंने 2024 के चुनावों के संभावित विजेता एडमुंडो गोंजालेज को निर्वासन में जाने पर मजबूर कर दिया. हाल ही में वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण संक्रमण के लिए संघर्ष के लिए यह पुरस्कार दिया गया. इस पर भी मादुरो ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्हें बीते दिन इस पुरस्कार को लेने के लिए नॉर्वे जाना था, लेकिन वे नहीं पहुंच सकीं. उनकी जगह उनकी बेटी ने इस पुरस्कार को स्वीकार किया.

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