अफगानिस्तान सरकार से कहीं ज्यादा इलाके में अब तालिबान का कब्जा है. जिन इलाकों पर तालिबान ने कब्जा किया है उन इलाकों में लोगों को जबरन अपने ग्रुप में शामिल करे और अपनी कमाई का एक हिस्सा टैक्स में देने के लिए दबाव डाल रहा है. अफगान के स्थानीय प्रशासन ने यह जानकारी सार्वजनिक की है स्थानीय मीडिया में भी यह रिपोर्ट प्रकाशित की जा रही है.
तालिबान इन इलाकों से पैसे जमा कर रहा है, इसे जकात कहा जाता है और इन पैसों का इस्तेमाल ताबिलान अपनी लड़ाई में करता है. तालिबान ने लोकल मार्केट में भी दुकानों पर टैक्स लगा दिया है. इन इलाकों में लगातार बढ़ रही हिंसा की वजह से बाजार पर भी असर पड़ रहा है.
तालिबान लगातार अपने इलाकों में बढ़ोतरी कर रहा है. इस बड़ी बढ़त के बाद अफगान सरकार के राजस्व पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है. तालिबान ने मुख्य रूप से उन इलाकों पर कब्जा कर रलिया है जहां से पड़ोसी देश से माल स्पलाई आती है. इन रास्तों से 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात रहा है.
अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच सरकार लगातार बातचीत के जरिये मसला हल करने का रास्ता भी ढुढ़ रही है. इस पूरे मामले पर अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिली ने कहा, अफगानिस्तान के लिए अपने इलाकों की रक्षा करना मुश्किल नहीं है. वह सख्त रुख नहीं अपना रही और अब भी बातचीत से हल निकालने में लगी है. उन्होंने कहा, आने वाले वक्त में यह लड़ाई निर्णायक होगी. अफगान नेतृत्व, अफगान लोग और अफगान सुरक्षा बलों की इच्छाशक्ति की परीक्षा आने वाले समय में होगी.
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस आ रही है 31 अगस्त तक तैयारी पूरी हो जाएगी. बाइडेन प्रशासन ने अगस्त के बाद भी अफगान सुरक्षाबलों को वित्तीय और सैन्य सहायता देना जारी रखने का वादा किया है. पिछले कुछ महीनों में तालिबान ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और जिस गति से वे आगे बढ़ रहे हैं वह एक तरह से एक निर्णायक कदम है.