Russia-Ukraine Crisis: रूस (Russia) के उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने यूक्रेन के अजोव रेजिमेंट को देश में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह घोषित किया. न्यायालय की इस घोषणा से रूस अब युद्धबंदी के तौर पर गिरफ्तार यूक्रेन के कैदियों पर आतंकवाद का मुकदमा चला सकता है. बता दें कि अजोव रेजिमेंट ने दक्षिण यूक्रेन के मारियुपोल शहर में रूस के साथ हुई लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी.
यूक्रेन की सैन्य इकाई आतंकवादी समूह
रूसी अधिकारियों और सरकारी मीडिया की ओर से लगातार रेजिमेंट पर नाजियों की रणनीति अपनाने और यूक्रेन के गैर सैनिकों पर अत्याचार कराने के आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि, यूक्रेन की सेना की इस टुकड़ी को आतंकवादी समूह घोषित करने के समर्थन में सबूतों को सार्वजनिक नहीं किया गया है. यूक्रेन के नेशनल गार्ड में अजोव रेजिमेंट एक इकाई है. इसकी स्थापना कई स्वयंसेवक टुकड़ियों में से एक अजोव बटालियन से वर्ष 2014 में की गई थी.
मॉस्कों के बंधक है अजोव रेजिमेंट के कई लड़ाके
यह पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों से लड़ रही यूक्रेन की अपेक्षकृत कम वित्तपोषित और सवालों में घिरी रही सेना की मदद करती है. रूस के महा अभियोजक कार्यालय ने अजोव को आतंकवादी समूह घोषित करने के लिए इस साल मई में प्रस्ताव पेश किया था. अजोव रेजिमेंट के कई लड़ाके इस समय मॉस्कों के बंधक हैं. रूसी अधिकारियों ने उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए है, जिनमें आम नागरिकों की हत्या का मामला शामिल है. पिछले हफ्ते, रूस समर्थक अलगाववादियों की ओर से नियंत्रित पूर्वी शहर ओलेनिव्का में एक दंड कॉलोनी में एक बैरक पर एक हमले में दर्जनों यूक्रेनी POW मारे गए थे. मास्को और कीव ने हड़ताल के लिए दोष व्यापार किया है. कीव ने कहा कि रूस ने युद्धबंदियों के खिलाफ यातना को कवर करने के लिए बैरकों को उड़ा दिया. (भाषा इनपुट के साथ)