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आतंकियों के हमदर्द पाकिस्तान को FATF ने दिया बड़ा झटका, टेरर फंडिंग के कारण ग्रे लिस्ट में बना रहेगा

आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने बड़ा झटका दिया है. आतंकवाद को धन उपलब्ध होने पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने यह फैसला लिया है कि पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा क्योंकि वो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग पर नकेल नहीं कस पाया है.

आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने बड़ा झटका दिया है. आतंकवाद को धन उपलब्ध होने पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने यह फैसला लिया है कि पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा क्योंकि वो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग पर नकेल नहीं कस पाया है.अपने बयान में अधिकारियों ने बताया कि एफएटीएफ के मुताबिक वह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद को धन उपलब्ध होने पर अंकुश लगाने में विफल रहा है.

एफएटीएफ का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को भारत, अफगानिस्तान और श्रीलंका में आतंकी हमले करने वाले संगठनों के पलने की जगह बताया है. बिजनेश स्टैंडर्ड के मुताबिक, बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एफएटीएफ के अधिवेशन की अध्यक्षता चीन के शियांगमिन लिऊ ने की.

इसमें इस बात का फैसला किया जाना था कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा या ब्लैक लिस्ट में डाला जाएगा.एफएटीएफ ने आतंकवाद को वित्तीय पोषण रोकने और मनी-लॉन्डरिंग के खिलाफ कदम उठाने को लेकर 27 बिंदुओं का एक्शन प्लान बनाया था. इसका पालन नहीं किए जाने पर उसे ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की भी आशंका थी.

टेरर फंडिंग पर नहीं लगा रहा रोक

पाकिस्तान इन दिनों दुनिया के सामने अपनी छवि को सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है. लेकिन बैठक में एफएटीएफ का मानना था कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों की टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया है. मालूम हो कि पिछले साल अक्टूबर के बाद से पाकिस्तान को दो बार यह एक्सटेंशन दिया जा चुका है. इस बार एफएटीएफ की ओर से कोरोनावायरस महामारी का हवाला दिया गया. एफएटीएफ ने उन सभी देशों को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया जो पहले से इसमें शामिल थे. वहीं, जिन देशों को ब्लैक लिस्ट में रखा गया था, वो भी उसी में ही रहेंगे.

आतंकवाद को समर्थन देने के कारण एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डाल दिया था. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए, लेकिन वह अपनी कार्रवाई से एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया.पाकिस्तान ने जैश के संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए जा चुके मसूद अजहर और 2008 के मुंबई धमाकों के ‘प्रॉजेक्ट मैनेजर’ साजिद मीर जैसे किसी आतंकी के खिलाफ ऐक्शन नहीं लिया. ये दोनों कथित रूप से पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं.

Posted By: Utpal kant

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