Pakistan: भारत में सर गंगा राम अस्पताल एक प्रतिष्ठित नाम है, विशेष रूप से नई दिल्ली में रहने वालों के लिए. यह अस्पताल अपनी उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जाता है. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि लाहौर में भी एक सर गंगा राम अस्पताल है, जिसे स्वयं सिविल इंजीनियर और समाजसेवी सर गंगा राम ने 1921 में स्थापित किया था. उन्हें लाहौर के विकास में उनके योगदान के कारण “लाहौर का निर्माता” कहा जाता है. उनकी विरासत आज भी जीवित है और हाल ही में उनके पैतृक घर को पाकिस्तान सरकार द्वारा पुनर्निर्मित किया गया है.
सर गंगा राम का जन्म 1851 में तत्कालीन पंजाब (अब पाकिस्तान) के एक छोटे से गांव में हुआ था. एक साधारण परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बल पर सिविल इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त की. वे अपने समय के अग्रणी इंजीनियरों में से एक बने और ब्रिटिश भारत में कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण में योगदान दिया.
उन्होंने न केवल लाहौर, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य किए. लाहौर शहर में जल आपूर्ति व्यवस्था, सड़कें और पुलों का निर्माण उनकी उत्कृष्ट इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रमाण हैं. इसके अलावा, उन्होंने समाज सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान दिया.
पाकिस्तान में पुनर्निर्माण हो रहा सर गंगा राम की हवेली
हाल ही में, प्रसिद्ध लेखक हरून राशिद ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की कि पाकिस्तान में लाहौर स्थित सर गंगा राम के पैतृक घर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने इसके साथ चार तस्वीरें साझा कीं, जिनमें इस ऐतिहासिक भवन को पुनः उसके पुराने स्वरूप में देखा जा सकता है. यह घर विभाजन के बाद उपेक्षित हो गया था और समय के साथ खंडहर में तब्दील हो गया था. अब इसे फिर से उसकी पूर्व स्थिति में बहाल किया जा रहा है. इस ऐतिहासिक पुनर्स्थापना से सर गंगा राम की विरासत और उनके परिवार की यादों को पुनर्जीवित किया जा रहा है.
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लाहौर शहर के निर्माता नाम से प्रसिद्ध हैं सर गंगा राम
सर गंगा राम को लाहौर के निर्माता के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने इस शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. उनकी बनाई हुई कई इमारतें और संस्थान आज भी लाहौर की पहचान बने हुए हैं. उनके सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक सर गंगा राम अस्पताल है, जिसे उन्होंने 1921 में स्थापित किया था. यह अस्पताल आज भी लाहौर के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में से एक है. इसके अलावा, उन्होंने एचकिसन कॉलेज की स्थापना भी की थी, जो लाहौर के सबसे प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थानों में से एक है.
लाहौर शहर के जल आपूर्ति प्रणाली, सड़क निर्माण, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था. सर गंगा राम ने केवल इंजीनियरिंग में ही नहीं, बल्कि समाज सुधार और परोपकार में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी.
भारत और पाकिस्तान दोनों में उनकी विरासत जीवित
भारत के विभाजन के बाद सर गंगा राम का परिवार लाहौर से दिल्ली चला आया था. हालांकि, उनकी विरासत दोनों देशों में बनी रही. उनकी प्रपौत्री पारुल दत्ता हाल ही में पाकिस्तान गईं, जहां उन्होंने अपने पूर्वजों के घर के पुनर्निर्माण को देखा. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने 1986 में लाहौर का दौरा किया था, जब उनके स्कूल एचकिसन कॉलेज का शताब्दी समारोह मनाया जा रहा था. उस समय उन्हें यह देखकर दुख हुआ कि जेल रोड पर स्थित उनका पैतृक घर अब नहीं था, और वहां एक फ्लाईओवर बना दिया गया था.
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लेकिन अब पाकिस्तान सरकार द्वारा सर गंगा राम की विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. उनके घर को दोबारा मूल स्वरूप में लाने का कार्य चल रहा है, जिससे उनके परिवार को अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने का अवसर मिला है.
सर गंगा राम केवल एक कुशल सिविल इंजीनियर ही नहीं, बल्कि एक महान समाजसेवी भी थे. उनका योगदान न केवल भारत और पाकिस्तान में भौतिक संरचनाओं के रूप में जीवित है, बल्कि उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधार और परोपकारी कार्यों में भी देखा जा सकता है. उनके नाम पर बने अस्पताल, स्कूल और बुनियादी ढांचे की इमारतें आज भी उनकी महानता को दर्शाती हैं. लाहौर में उनके पैतृक घर का पुनर्निर्माण इस बात का प्रमाण है कि उनकी विरासत आज भी लोगों के दिलों में जीवित है.

