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अब चुपके से घर नहीं पहुंच सकेंगे बाहर से यात्रा कर आने वाले कोरोना संक्रमित, सूंघते ही झट से पकड़ लेंगे ट्रेंड कुत्ते

ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रापिकल मेडिसीन (एलएसएचटीएम) ने अपने एक अध्ययन में दावा किया है कि विशेष तरीके से ट्रेंड कुत्ते बीमारी को 94.3 फीसदी तक संवेदशनशीलता और 92 फीसदी सटीकता के साथ पता लगा लेते हैं. एलएसएचटीएम ने यह शोध चैरिटी मेडकिल डिटेक्शन डॉग्स ऐंड टरहम यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर किया है.

लंदन : हवाई जहाज, रेलवे और बसों के जरिए बाहर से यात्रा करने वाले कोरोना संक्रमित अब चुपके से अपने-अपने घरों को नहीं जा सकेंगे. ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिसमें कहा गया है कि प्रशिक्षित कुत्ते केवल सूंघकर ही 90 फीसदी तक कोरोना से संक्रमितों की पहचान कर बता देंगे. उनकी सूंघने की क्षमता इतनी तीव्र है कि वे एसिम्टोमैटिक को भी पहचानने में देर नहीं करते. अगर शोधकर्ताओं का यह दावा सही साबित होता है, तो देश-दुनिया की सरकारों को बाहर से आने वालों को घर पहुंचने से पहले कोरेंटिन करने में बहुत बड़ी मदद मिल सकती है.

ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रापिकल मेडिसीन (एलएसएचटीएम) ने अपने एक अध्ययन में दावा किया है कि विशेष तरीके से ट्रेंड कुत्ते बीमारी को 94.3 फीसदी तक संवेदशनशीलता और 92 फीसदी सटीकता के साथ पता लगा लेते हैं. एलएसएचटीएम ने यह शोध चैरिटी मेडकिल डिटेक्शन डॉग्स ऐंड टरहम यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर किया है. इन दोनों शोधकर्ता संस्थानों ने इस नए अध्ययन को पूरी तरह से कारगर बताया है, जिसमें कहा गया है कि यह अध्ययन कुत्तों की ट्रेनिंग, उनके सूंघने की क्षमता का विश्लेषण और मॉडलिंग के आधार पर किया गया है.

शोधकर्ताओं ने इस बात का दावा किया है कि विशेष तरीके से प्रशिक्षित कुत्ते बीमारी को 94.3 फीसदी तक पूरी संवेदशनशीलता के साथ और 92 फीसदी सटीकता के साथ पता लगा लेते हैं. बीते हफ्ते प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार, ट्रेंड कुत्ते बिना लक्षण वाले व्यक्तियों में संक्रमण का पता लगाने के साथ-साथ कोरोना वायरस के प्रकार यानी स्ट्रेन में भी अंतर करने में सक्षम हैं. इसके साथ ही, ऐसे ट्रेंड कुत्ते संक्रमण के स्तर का भी आकलन कर सकते हैं.

एलएचटीएम में रोग नियंत्रण विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स लोगन के अनुसार, नए स्ट्रेन वाले वायरस के देश में प्रवेश के खतरे के मद्देनजर उनकी जांच में कुछ समय के लिए बाधा उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में ये ट्रेंड कुत्ते अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अभी यह शोध करने की जरूरत है, ताकि उससे यह पता लगाया जा सके कि वास्तविक माहौल में कुत्ते इन नतीजों को दोहरा सकते हैं या नहीं.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए यह तरीका ज्यादा कारगर साबित होगा. इससे बड़े जनसमूह में बिना लक्षण वाले संक्रमितों का तेजी से पता लगाया जा सकेगा. शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स की टीम ने कोरोना संक्रमितों की पहचान करने के लिए कुत्तों को ट्रेनिंग दी. इस दौरान टीम की ओर से नेशनल हेल्थ सर्विसेज की ओर से भेजे गए मास्क, मोजे और टी-शर्ट का इस्तेमाल आदमी के शरीर का गंध लेने के लिए किया गया.

शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए एलएसएचटीएम की टीम ने 3,758 नमूनों को इकट्ठा किया. फिर जांच के लिए 325 संक्रमित और 675 संक्रमण मुक्त नमूनों को भेजा, जिसमें यह पाया गया कि ट्रेंड कुत्ते कोरोना संक्रमितों की सही-सही पहचान कर पाने में सक्षम हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

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