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China Infiltrates US Army: अमेरिकी सेना में चीन की सेंध! खुफिया जानकारी बेचने के आरोप में तीन सैनिक गिरफ्तार

China Infiltrates US Army: अमेरिकी सेना में चीन की घुसपैठ का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. तीन सैनिकों पर चीन को खुफिया जानकारी बेचने का आरोप है. FBI ने गिरफ्तार कर साजिश, रिश्वतखोरी और चोरी का मामला दर्ज किया.

China Infiltrates US Army: अमेरिकी सेना में चीन की सेंधमारी का एक बड़ा खुलासा हुआ है. गुरुवार को अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो सक्रिय सैनिक और एक पूर्व सैनिक शामिल हैं. इन पर सरकारी संपत्ति की चोरी और रिश्वतखोरी की साजिश में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन सैनिकों ने चीन को कई महत्वपूर्ण खुफिया जानकारियां बेची हैं.

गिरफ्तार किए गए सैनिकों की पहचान

अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान जियान झाओ, ली तियान और रुओयु दुआन के रूप में हुई है. इनमें से जियान झाओ और ली तियान जॉइंट बेस लुईस-मककॉर्ड में तैनात सक्रिय सैनिक हैं, जबकि रुओयु दुआन अमेरिकी सेना का पूर्व सैनिक है. न्याय विभाग के अनुसार, तियान और दुआन पर ओरेगन जिले में रिश्वतखोरी और सरकारी संपत्ति की चोरी की साजिश रचने का आरोप है. वहीं, झाओ पर राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी जानकारी को अनधिकृत व्यक्तियों तक पहुंचाने, रिश्वतखोरी और सरकारी संपत्ति की चोरी का मामला दर्ज किया गया है.

संवेदनशील हार्ड ड्राइव चीन को बेचने का आरोप

चार्जशीट के मुताबिक, जुलाई 2024 से लेकर गिरफ्तारी तक, झाओ ने अमेरिकी सेना के कई संवेदनशील हार्ड ड्राइव इकट्ठा किए और चीन में स्थित व्यक्तियों को बेचने की साजिश रची. इन हार्ड ड्राइव्स पर “सीक्रेट” और “टॉप सीक्रेट” का निशान लगा था, फिर भी इन्हें बेचा गया. रिपोर्ट के अनुसार, झाओ को इन हार्ड ड्राइव्स के बदले कम से कम 10,000 डॉलर मिले. इसके अलावा, झाओ पर अमेरिकी सरकार से चुराए गए एक एन्क्रिप्शन-सक्षम कंप्यूटर को भी बेचने का आरोप है.

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अमेरिकी अधिकारियों की प्रतिक्रिया

अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पामेला जे. बॉन्डी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “आज गिरफ्तार किए गए आरोपी हमारे देश के साथ विश्वासघात कर रहे थे. वे अमेरिका की रक्षा क्षमताओं को कमजोर करने और चीन जैसे विरोधियों को सशक्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे थे. उन्हें त्वरित और कठोर न्याय का सामना करना पड़ेगा.”

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने भी इस घटना पर चिंता जताई और कहा, “रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तहत पनप सकता है, लेकिन अमेरिकी सेना में इसकी कोई जगह नहीं है. हमारे सैनिक संवेदनशील सैन्य जानकारी के संरक्षक हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि एफबीआई इस तरह के मामलों की गहराई से जांच कर रही है और सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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कई एजेंसियों ने की संयुक्त जांच

इस मामले की गहन जांच एफबीआई के पोर्टलैंड और सिएटल फील्ड कार्यालयों, अमेरिकी सेना काउंटरइंटेलिजेंस कमांड, सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी), डाक निरीक्षण सेवा और नौसेना आपराधिक जांच सेवा द्वारा की गई.

सेना काउंटरइंटेलिजेंस कमांड के कमांडिंग जनरल ब्रिगेडियर जनरल रेट आर. कॉक्स ने इस मामले में कहा, “ये गिरफ्तारियां हमारे देश के सामने बढ़ते विदेशी खुफिया खतरों को उजागर करती हैं. हम उन सभी लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए अथक प्रयास जारी रखेंगे जो सेना के मूल्यों को छोड़कर व्यक्तिगत लाभ के लिए काम करते हैं.”

यह मामला अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है. चीन को संवेदनशील खुफिया जानकारी बेचे जाने की यह घटना बताती है कि विदेशी शक्तियां अमेरिकी रक्षा प्रणाली में सेंध लगाने के प्रयास कर रही हैं. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिकी सरकार इन आरोपियों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाती है और इस तरह के मामलों को रोकने के लिए क्या नई सुरक्षा नीतियां अपनाती है.

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