वेलिंगटन : न्यूजीलैंड में आज इस मुद्दे पर मतदान शुरू हुआ कि क्या देश के लिए नया झंडा अपनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री जॉन की ने यूनियन जैक को राष्ट्रीय बैनर से उतारने के लिए इसे पीढियों बाद आया एक अवसर करार दिया है. इस दक्षिण प्रशांत देश की आबादी 45 लाख है जहां मतदान के लिए करीब 30 लाख मतपत्र बांटे जा रहे हैं. जनमत संग्रह का परिणाम बाध्यकारी होगा. मतदान पर नजर रख रहे पैनल के प्रमुख जॉन बुरोज ने कहा, ‘जो भी परिणाम आएगा, यह झंडा पीढियों तक लहराता रहेगा और हम उम्मीद करते हैं कि इस ऐतिहासिक फैसले के लिए सभी देशवासी मतदान करेंगे.’ देश के लिए नया ध्वज चाहने वाले जॉन की ने कहा कि यह मतदान महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रतीक को अद्यतन और आधुनिक बनाने का एक दुर्लभ अवसर है.
जनता यह बदलाव चाहती है अथवा नहीं, इसके लिए ही आज से वोटिंग शुरू हुई है. देश के प्रधानमंत्री जॉन की भी वर्तमान ध्वज को बदलने के समर्थक हैं. उनकी इच्छा है कि नये ध्वज में काली पृष्ठभूमि में चांदी की तरह चमकीला एक पौधा हो. न्यूजीलैंड की कई टीमों ने ऐसे बैनर का उपयोग किया है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, दो अलग-अलग देश हैं, लेकिन एक अजीब समानता दोनों के राष्ट्रीय झंडे में देखनें को मिल सकती है. दोनों ही देश के झंडों में यूनियन जैक की झलक देखने को मिलती है.
युनियन जैक वर्षों पुराने उस ब्रिटिश उपनिवेश की झलक है जिसके अधीन कभी दोनों देश रहे हैं. हालांकि दोनों देशों में एक बड़ा अंतर है. ऑस्ट्रेलिया का अपना संविधान है जबकि न्यूजीलैंड आज भी ‘रिपब्लिक’ नहीं है. कहीं न कहीं ब्रिटिश पहचान न्यूजीलैंड से आज भी जुड़ी हुई है. लेकिन न्यूजीलैंड अपनी पहचान यानी अपने झंडे को बदलने की राह पर आगे बढ़ चला है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस साल न्यूजीलैंड के पास अपना नया राष्ट्रीय ध्वज होगा.
न्यूजीलैंड में काफी दिनों से इस बात पर चर्चा चल रही है कि अब वक्त आ गया है कि वह अपना राष्ट्रीय झंडा बदल ले. इसे लेकर ही वहां जनमत संग्रह का दौर जारी है. पुराने झंडे की जगह लेने के लिए पांच दूसरे झंडे दौड़ में थे. लेकिन प्रारंभिक नतीजों के अनुसार काले, उजले और नीले रंग के साथ फर्न की पत्ती वाला यह फ्लैग रेस में सबसे आगे है.

