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रक्षा चिंताओं को दरकिनार कर PM मोदी देंगे चीनी नागरिकों को ई-वीजा की सुविधा
बीजिंग : विश्वास बहाली के कदमों के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज घोषणा की कि भारत, चीनी पर्यटकों को ई-वीजा प्रदान करेगा. यहां केप्रतिष्ठित सिंघुआ विश्वविद्यालय में छात्रों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, हमने चीनी नागरिकों को इलेक्ट्रानिक पर्यटक वीजा प्रदान करने का निर्णय किया है. प्रधानमंत्री की इस घोषणा […]
बीजिंग : विश्वास बहाली के कदमों के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज घोषणा की कि भारत, चीनी पर्यटकों को ई-वीजा प्रदान करेगा. यहां केप्रतिष्ठित सिंघुआ विश्वविद्यालय में छात्रों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, हमने चीनी नागरिकों को इलेक्ट्रानिक पर्यटक वीजा प्रदान करने का निर्णय किया है. प्रधानमंत्री की इस घोषणा से कुछ घंटे पहले हालांकि विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा था कि चीनी पर्यटकों को ई वीजा प्रदान करने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है.
चीनी नागरिकों को ई वीजा सुविधा देने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने आज सुबह कहा कि हम पग-पग करके इसका विस्तार कर रहे हैं. चीन के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है.
विश्वविद्यालय में छात्रों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, दुनिया की करीब 33 प्रतिशत आबादी या तो भारतीय या चीनी है. इसके बावजूद हमारे लोग एक दूसरे को काफी कम जानते हैं. उन्होंने कहा, हमें प्राचीन काल की तीर्थयात्रा से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने ज्ञान की तलाश में अनजाने की तलाश की और हम दोनों को समृद्ध किया. मोदी ने कहा, इसलिए हमने चीनी नागरिकों को इलेक्ट्रानिक पर्यटक वीजा प्रदान करने का निर्णय किया है. हम 2015 में चीन में भारत का साल मना रहे हैं.
आश्चर्यजनक रुप से प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण पहल की घोषणा विश्वविद्यालय के अपने संबोधन में की न कि प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी अधिकारियों के आग्रह पर ऐसा किया.
मोदी ने यह घोषणा ऐसे समय में की जब गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर इसके दुरुपयोग को लेकर इसका पुरजोर विरोध कर रही हैं जबकि विदेश मंत्रालय एवं पर्यटन मंत्रालय इसे आगे बढाने की बात कह रहे है.
कल से शुरु हुए चीन दौरे से पहले ई वीजा प्रदान करने पर निर्णय करने का विषय मोदी पर छोड दिया गया था. भारत ने इस साल चीन में ‘भारत की यात्रा करें’ की घोषणा की है ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके.
भारत में दो लाख से भी कम चीनी पर्यटक आते हैं और अधिक संख्या में चीनी यात्री नेपाल, श्रीलंका और मालदीव जाते हैं. पिछले वर्ष 1.4 लाख चीनी नागरिक नेपाल गए थे जबकि चार लाख मालदीव और करीब 1.3 लाख श्रीलंका गए थे.
चीन ने बौद्ध सर्किट के निर्माण का प्रस्ताव किया है जिसके जरिये चीन, नेपाल और श्रीलंका को जोडने की बात है ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके.
ई वीजा प्रदान करने के भारत के निर्णय को चीन के साथ उसके निवेश संबंधी नियमों में ढील देने के रुप में देख जा रहा है ताकि बडे पैमाने पर चीनी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके.
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