इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच दोबारा शांति वार्ता शुरु करने के लिए समझौता हो गया है.
ये घोषणा अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने दोनों पक्षों से मुलाक़ात के बाद जॉर्डन में की.
हालांकि कैरी ने समझौते के बारे में विस्तार से नहीं बताया लेकिन कहा कि शुरुआती बातचीत अगले सप्ताह वॉशिंगटन में होगी.
इसराइल औरकरेंफ़लस्तीनियोंके बीच आख़िरी बार सीधी बातचीत तीन साल पहले हुई थी. लेकिन पश्चिमी तट और पूर्व येरुशलम में इसराइली बस्तियों के मुद्दे पर बातचीत टूट गई थी.
‘महत्वपूर्ण क़दम’
जॉन कैरी ने अम्मान में पत्रकारों को बताया, "ये एक महत्वपूर्ण क़दम है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए". उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ये प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है लेकिन ये भी कहा कि अभी उम्मीद क़ायम है.
कैरी ने कहा, "सब जानते हैं कि ये आसान नहीं है. अगर ये आसान होता तो सालों पहले इसका हल निकल चुका होता. और हमें ये भी मालूम है कि दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेद रातों रात ख़त्म नहीं हो जाएंगे. हम जानते हैं कि आने वाले दिनों में कई कड़े विकल्प चुनने होंगे. लेकिन मैं आज आशावान हूं."
कैरी ने ये भी बताया कि मुख्य फ़लस्तीनी वार्ताकार साएब एरेकात और इसराइली वार्ताकार ट्ज़िपी लिवनी शुरुआती बातचीत के लिए अगले सप्ताह वॉशिंगटन जाएंगे.
उन्होंने कहा कि समझौते के बारे में जानकारी देने वाली ख़बरें महज़ ”क़यास” होंगे और कहा कि ”बातचीत को सफल बनाने का सबसे अच्छा तरीक़ा उन्हें गुप्त रखना होगा”.
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"सब जानते हैं कि ये आसान नहीं है.अगर ये आसान होता तो सालों पहले इसका हल निकल चुका होता. और हमें ये भी मालूम है कि दोंनो पक्षों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेद रातों रात ख़त्म हो जाएंगे. हम जानते हैं कि आने वाले दिनों में कई कड़े विकल्प चुनने होंगे. लेकिन मैं आज आशावान हूं."
जॉन कैरी, अमरीकी विदेश मंत्री
अमरीकी विदेश मंत्री ने अरब लीग का बातचीत शुरू करने की उनकी योजना का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त किया.
इससे पहले जॉन कैरी शुक्रवार को पश्चिमी तट के रमल्लाह शहर में बिना पूर्व योजना के पहुंच गए जहां उन्होंने फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाक़ात की. इस सप्ताह कैरी और अब्बास की ये तीसरी मुलाक़ात थी.
कैरी ने इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतनयाहू से भी फ़ोन पर बात की थी और उन्होंने दोंनो नेताओं की हिम्मत की तारीफ़ भी की.
गुरुवार को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बिन्यामिन नेतनयाहू से बात की थी और उन्हें अमरीकी विदेश मंत्री के साथ काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया था.
गतिरोध की वजह
पश्चिमी तट परकरेंइसराइली बस्तियोंका मुद्दा दोंनो पक्षों के बीच एक बड़ा रोड़ा है.
फ़लस्तीनी राष्ट्रपति का कहना है कि शांति वार्ता दोबारा शुरु करने से पहले इसराइल को बस्तियां बनाने पर रोक लगानी होगी लेकिन इसराइली प्रधानमंत्री चाहते हैं कि फ़लस्तीनीकरेंबिना किसी शर्तबातचीत के लिए तैयार हो जाए.
इसराइल ने बुधवार को येरुशलम और तेल अवीव के बीच मोडीन इल्ट में 700 नई रिहाइशी इकाईयां बनाने पर मोहर लगाई थी.
शुक्रवार को हुए समझौते पर खुशी ज़ाहिर करते हुए इसराइली वार्ताकार ट्ज़िपी लिवनी ने अपने फ़ेसबुक पर लिखा, "महीनों तक अविश्वास और निराशा के बाद चार साल से चला आ रहा कूटनीतिक गतिरोध ख़त्म होने वाला है."