न्यूयॉर्क: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-तैयबा के प्रौद्योगिकी शाखा प्रमुख ने उस वायस-ओवर-इंटरनेट फोन (वीओआईपी) खरीदने के लिए एक अमेरिकी कंपनी से बातचीत करते समय खुद को एक भारतीय कारोबारी के तौर पर पेश किया था जिसका इस्तेमाल साल 2008 के मुंबई हमले के समय हमलावरों से बातचीत करने के लिए उनके आकाओं ने किया था.
कंप्यूटर विशेषज्ञ और लश्कर की प्रौद्योगिकी शाखा के प्रमुख जरार शाह (30) ने इंटरनेट फोन प्रणाली की स्थापना की थी ताकि 26/11 हमले के समय अपना असली स्थान छिपाने के लिए फोन कॉल को न्यू जर्सी से होते हुए दिखाया जाए.समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘प्रोपब्लिका’ और ‘पीबीएस’ सीरीज ‘फ्रंटलाइन ’ मुंबई हमले को लेकर एक विस्तृत खोजी खबर सामने लाए हैं जिसका शीर्षक ‘इन 2008 मुंबई किलिंग्स, पाइल्स ऑफ स्पाई डाटा, बट एन अनकम्लीडेड पजल’ है.इसमें कहा गया है कि शाह ने न्यू जर्सी की एक कंपनी से संपर्क किया और खुद को ‘मुंबई में रहने वाले और टेलीफोन सेवाओं के कारोबारी खड़क सिंह के रुप में पेश किया.’
खोजी रपट में कहा गया है, उसने खुद को भारतीय कारोबारी के तौर पेश करते हुए वीओआईपी की खरीद को लेकर मोलभाव आरंभ किया. वीओआईपी का खरीदने का फैसला किया गया ताकि पाकिस्तान और मुंबई में आतंकवादियों के बीच बातचीत को इस तरह पेश किया जा सके कि यह बातचीत आस्ट्रिया और न्यूजर्सी से हो रही है.
