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रियो में एक अतिथि गोल्फ़ कोर्स पर आराम फरमाता हुआ.
रियो ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों का स्वागत ओलंपिक विलेज के आसपास मौजूद घड़ियाल और अन्य जानवर कर रहे हैं.
रियो में खेलों का महाकुंभ शुरूयहां जंगली जानवरों का दिखना इस बात का सबूत है कि वर्षों तक चले निर्माण कार्य के बावजूद खेल स्थल की आसपास की जगहों के पर्यावरण को संरक्षित रखा गया है.
हालांकि पर्यावरणविदों ने चेताया है कि अधिकांश प्रजातियों के प्रकृतिक आवास पर कभी भरपाई न हो पाने वाला नुकसान हुआ है.
घड़ियाल, स्लोथ और सांप जैसे कुछ ऐसे जीव हैं जो रियो ओलंपिक के बिन बुलाए मेहमान हैं.
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असल में ओलंपिक खेलों के आयोजन से जुड़ी कुछ जगहें चारों ओर से लैगून और उष्णकटिबंधीय जंगल से घिरी हैं.
रियो ओलंपिक में पर्यावरण निगरानी के लिए ज़िम्मेदार तानिया ब्रैगा का कहना है, "हम जानवरों को छिपाना नहीं चाहते, हम ये दिखाना चाहते हैं कि हम उनके साथ साथ रह सकते हैं."
खेल स्थलों के आसपास दिखने वाले जानवरों में स्लोथ भी हैं.
वो कहती हैं, "रियो का एक चौथाई हिस्सा जंगल है. इस तरह की विविधता दिखाने का उसके पास एक मौका है."
ब्रैगा के अनुसार, ओलंपिक खेल स्थलों के पास ऐसी टीमें हैं जिनपर जानवरों की निगरानी करने और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित पहुंचाने की ज़िम्मेदारी है.
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बारा डा टिजुका में स्थित गोल्फ़ कोर्स के आसपास क़रीब 230 प्रजातियां हैं. शहर के पश्चिम में स्थित इस जगह पर ओलंपिक खेलों का मुख्य बुनियादी ढांचा है.
इन प्रजातियों में घड़ियालों की विलुप्त प्रजाति भी है. ये फ्लोरिडा में पाए जाने वाले घड़ियालों से कम आक्रामक होते हैं.
इन्होंने वातावरण के प्रति अपने को काफी ढाला हुआ है.
ब्रैगा ने बीबीसी ब्राज़ील को बताया, "जब वे गोल्फ़ कोर्स में पहुंचते हैं, तो हम ये सुनिश्चित करते हैं कि जानवर या आम लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे."
कैपीबारस एक किस्म का कुतरने वाला विशाल जानवर होता है, जोकि इस इलाक़े में आम तौर पर देखा जाता है.
संरक्षित इलाके में गोल्फ़ की इमारत बनने से विवाद पैदा हो गया था. लेकिन आयोजकों का कहना है कि इसके बनने से खेल स्थल के आसपास की स्थिति पहले के मुकाबले सुधरी है.
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हालांकि कई लोगों का कहना है कि इस दावे पर विवाद है, क्योंकि ओलंपिक सुविधाओं की खातिर जगह बनाने के लिए जानवरों के प्राकृतिक आवास की जगहों कम हुई हैं और पानी के अंदर भी प्रदूषण बढ़ा है.
जीव विज्ञानी इज़ार एक्ज़िमॉफ़ के अनुसार, "शहरीकरण के प्रसार के साथ लोगों ने जानवरों के और पास रहना शुरू कर दिया है. असल में हमने उनकी जगह में घुसपैठ किया है."
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इलाक़े में जानवरों की निगरानी करने वाले जीव वैज्ञानिकों के समूह ने जानवरों के अस्तित्व को लेकर पैदा हुए ख़तरों से अगाह किया है.
इन शोधकर्ताओं द्वारा मुहैया कराई गई तस्वीरों में दिखता है कि घड़ियाल एक नाले में तैर रहे हैं जो कचरे से भरा हुआ है.
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जियोलॉजिस्ट कार्डोसो डी सैंटा मारिया का कहना है, "ओलंपिक पार्क के आस पास के इलाके में पिछले 30 सालों में निर्माण कार्य बहुत तेजी से बढ़ा है और अब ये एक ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया है. घड़ियाल और सांप अपने प्राकृतिक रिहाईशों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए हैं."
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