ढाका : ढाका स्थित एक कैफे में बंधक संकट खत्म होने के बाद बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश से ‘आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथियों का सफाया करने’ के लिए सबकुछ करने का संकल्प लिया है. हसीना ने टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में कहा, ‘यह बहुत भयावह कृत्य है. ये लोग किस तरह के मुसलमान हैं? उनका कोई धर्म नहीं है.’ आतंकवादियों की मुस्लिम पहचान को लेकर सवाल करते हुए हसीना ने कहा, ‘उन्होंने रमजान की तरावीह (खास नमाज) के असल संदेश का उल्लंघन किया और लोगों की हत्या है. जिस तरह से उन्होंने लोगों की हत्या की वह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. उनका कोई धर्म नहीं है. आतंकवाद ही उनका धर्म है.’
हसीना ने कमांडो अभियान पूरा होने के एक घंटे बाद एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं अल्लाह का शुक्र अदा करती हूं कि हम आतंकवादियों को खत्म करने और बंधकों को बचाने में कामयाब रहे.’ उन्होंने कहा, ‘हमने 13 बंधकों को बचा लिये जिनमें कुछ लोग घायल हैं. लेकिन मौके से कोई आतंकी फरार नहीं हो पाया. छह आतंकवादियों को मौके पर ही मार दिया गया और एक को जीवित पकड लिया गया.’
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने इसका ब्यौरा नहीं दिया कि रेस्तरां के भीतर कुल कितने लोग बंधक बनाए गए थे. पहले की खबरों में कहा गया था कि 30 से अधिक बंधक हैं जिनमें 20 विदेशी नागरिक हैं. रेस्तरां से बचाए गए लोगों में भारतीय, श्रीलंकाई और जापानी नागरिक हैं. हसीना ने चरमपंथ और आतंकवाद को खत्म करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथियों का सफाया करने के लिए सब कुछ करेगी.’