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लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी व तालिबान पर रोक लगाये पाकिस्तान : जॉन केरी

इस्‍लामाबाद : अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी समूह भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका के लिए खतरे बने हुए हैं. केरी ने पिछले साल 16 दिसंबर को पाकिस्तान के मिलिट्री स्कूल पर हुए हमले और उसमें 150 बच्चों […]

इस्‍लामाबाद : अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी समूह भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका के लिए खतरे बने हुए हैं. केरी ने पिछले साल 16 दिसंबर को पाकिस्तान के मिलिट्री स्कूल पर हुए हमले और उसमें 150 बच्चों के मारे जाने पर भी संवेदना प्रकट की.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की दोहरी नीति के चलते उसकी धरती पर पलने पनपने वाले आतंकी संगठन भारत, अफगानिस्तान सहित अन्य देशों के लिए खतरा बने हुए हैं. पाकिस्तान पर इन आतंकी समूहों के रणनीतिक उपयोग का भी आरोप लगता रहा है. ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री ने सभी आतंकी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान को ठोस ढंग से कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि इसमें फर्क नहीं किया जाना चाहिए.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने आज कहा कि लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूह ना सिर्फ पाकिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के लिए, बल्कि अमेरिका एवं विश्व के लिए भी खतरा बने हुए हैं.उन्होंने कहा कि हम सभी को यह प्रतीज्ञालेनीचाहिए कि इन्हें अपनी गतिविधियों के लिए जमीन नहीं मिले और वह स्मृति से भी गायब हो जाये. इस टास्क को हर हाल में पूरा करना चाहिए.
केरी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा, ‘‘हम सभी पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि ये आतंकवादी अब इस देश या कहीं भी अपने कदम जमाने के काबिल नहीं रहें.’’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूह ‘‘ना सिर्फ पाकिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के लिए, बल्कि अमेरिका और दुनिया के लिए भी खतरा बने हुए हैं.’’ हक्कानी नेटवर्क पर 2008 में भारतीय दूतावास पर बमबारी के आरोप हैं जिसमें 58 लोगों की मौत हो गयी थी. उस पर 2011 में अमेरिकी दूतावास पर भी हमला करने के आरोप हैं. इसके अलावा अनेक बडे ट्रक बम हमलों के प्रयासों में उसका हाथ रहा है.
खबर है कि अमेरिका और अफगान नेताओं ने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढाने के लिए खुफिया तरीके से हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करती है. पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है.
केरी ने पेशावर में एक सैन्य स्कूल पर तालिबान हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘16 दिसंबर की त्रसदी आतंकवादियों को जड़ें जमाने की अनुमति देने और उस जगह को नियंत्रण में लेने तथा वहां से संचालन करने के गंभीर जोखिम की याद दिलाती है.’’
उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को सलाह दी कि वे गंभीर वार्ता में एक बार फिर जुड़ें. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ‘‘मैं संवाद के लिए दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करता हूं.’’ सरहद पर गोलाबारी से दोनों देशों के बीच तनाव में इजाफा होने के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वार्ता हो सकती है.’’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में कश्मीरी अलगाववादियों के साथ पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की बातचीत के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सचिव स्तरीय वार्ता रद्द कर दी थी.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने अपने दो दिनों के पाकिस्‍तान यात्रा के दौरान मंगलवार को पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज़ से मुलाकात की. इससे पहले उन्होंने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी.
अमेरिकीविदेश मंत्री ने पाकिस्‍तान को साफ तौर पर कहा कि अमेरिका सभी आतंकवादी संगठन को निशाने पर लेकर काम कर रहा है. उन्‍होंनेकहाकि लश्‍कर-ए-तैयबा केवल पाकिस्‍तान के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए खतरा है.
केरी ने उत्तरी वजीरिस्‍तान में विद्रोहियों के खिलाफ जवाबी कार्यवाही के लिए पाकिस्‍तानी सेना की तारीफ भी की और कहा इसका असर दिखेगा.
केरी ने कहा कि अमेरिका एलओसी पर हो रही सभी घटनाओं से अवगत है. भारत और पाकिस्‍तान को आपसी अविश्‍वास को खत्‍म करके गंभीर चर्चा करनी चाहिए.उन्होंने दोनों देशों के बीच होने वाली गोलीबारी पर भी चिंता प्रकट की और पाकिस्तान को इस संबंध में राह तलाशने की नसीहत दी.
वहीं अजीज ने केरी को आश्वस्त करते हुए कहा कि बिना भेदभाव किए सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, यहां से पूरे अफगानिस्तान में संचालन करने की हक्कानी नेटवर्क की क्षमता अब वस्तुत: खत्म हो गई है. अजीज ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि हमारे सुरक्षा बल भविष्य में अभी कुछ और समय तक आतंकवाद विरोधी मुहिम में बने रहेंगे. उन्होंने इलाके में पुनर्वास के लिए अमेरिकी मदद मांगी जहां उनकी सेना आतंकवादियों के खिलाफ लडाई लड़ रही है.
केरी ने आपात राहत प्रयास के तहत कबायली इलाकों मुख्य रुप से वजीरिस्तान के लिए पहले से ही अनुगृहित की गई 25 करोड डॉलर की राशि देने की घोषणा की.
अजीज ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका व्यापार विस्तार पर सहमत हुए हैं और उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह पाकिस्तानी उत्पादों की खपत के लिए बेहतर बाजार मुहैया कराए.
Prabhat Khabar Digital Desk
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