करतारपुर (पाकिस्तान) : करतारपुर गलियारा खोलना क्षेत्रीय शांति की पाक की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कही. उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गलियारे को खोलना क्षेत्रीय शांति बनाए रखने में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. इसके साथ ही उन्होंने सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर सिख समुदाय को बधाई दी. करतारपुर गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नारोवाल जिले के करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ता है. यह गलियारा शनिवार को खुल गया जो दोनों देशों के बीच संबंधों में बेहतरी की उम्मीद देने के साथ लोगों के बीच आपसी संपर्क की ऐतिहासिक पहल है. गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित है.
करतारपुर साहिब गलियारे को खोलने के मौके पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि क्षेत्र की समृद्धि का रास्ता और आने वाली पीढ़ियों का उज्ज्वल भविष्य शांति में निहित है. सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने उनके हवाले से कहा कि आज हम केवल सीमा नहीं खोल रहे हैं बल्कि सिख समुदाय के लिए अपने दिलों को भी खोल रहे हैं.
खान ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा दिखायी सद्भावना की अभूतपूर्व भावना बाबा गुरु नानक देव और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के लिए उसके गहरे सम्मान को दर्शाती है. खबर के अनुसार, खान ने इस ऐतिहासिक दिन पर सीमा के दोनों ओर तथा दुनियाभर के सिख समुदाय को बधाई दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि परस्पर सौहार्द्र और शांति के एक साथ रहने से इस उपमहाद्वीप के लोगों के वृहद हितों के लिए काम करने का अवसर मिलेगा.
उन्होंने कहा कि मुसलमान धार्मिक स्थलों और प्रार्थना स्थलों की पवित्रता तथा प्रतिष्ठा का सम्मान करते हैं. भारत के सिख श्रद्धालु शनिवार को बहु प्रतीक्षित करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए आव्रजन के वास्ते जीरो प्वाइंट पर पहुंचे. एआरवाई न्यूज के अनुसार, सिख श्रद्धालुओं का पहला समूह सीमा टर्मिनल पर पहुंच गया है और शांतिपूर्व तरीके से आव्रजन प्रक्रिया से गुजरा. पाकिस्तान ने आव्रजन के लिए 76 काउंटर बनाए हैं. सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंच गए हैं. उसने बताया कि पाकिस्तान ने शनिवार और 12 नवंबर को 20 डॉलर के सेवा शुल्क तथा पासपोर्ट की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है.
12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के पूर्व बहु प्रतीक्षित गलियारे को खोलने के अवसर पर सीमा के दोनों ओर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये गये.