लाहौर : सावन का पवित्र महीना चल रहा है और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के शिवालय में प्रधानमंत्री इमरान खान की दरियादिली से भगवान शिव के जयकारे लग रहे हैं. दरअसल, पाकिस्तान के सियालकोट में 1,000 साल पुराना हिंदू मंदिर खोला गया है जिसकी चर्चा चारो ओर हो रही है. इस मंदिर को बंटवारे के बाद पहली बार ‘पूजा’ के लिए खोला गया जिससे श्रद्धलुओं में खासा उत्साह है.
सावन महीने की दूसरी सोमवारी को यानी 29 जुलाई को मंदिर के द्वार खोले गये. दिवंगत लेखक राशिद नियाज के द्वारा लिखी गयी किताब ‘हिस्ट्री ऑफ सियालकोट’ में इस मंदिर का जिक्र किया गया है जिसके अनुसार यह मंदिर 1,000 साल पुराना है और लाहौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर शहर के धारोवाल क्षेत्र में है. इस मंदिर का नाम शवाला तेजा सिंह मंदिर है.
सोशल मीडिया पर नजर आ रहा है ये वीडियो
Pakistan has reopened a historical Shawala Teja Singh Mandir, #Sialkot. #ETPB officials says Pak has fulfilled the long standing request of local #Hindu communities. Hopefully @ImranKhanPTI also remember his words to open up #ShardaPeeth temple for Indian pilgrims . pic.twitter.com/IDaMZt5bDY
— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ رویندرسنگھ روبن (@rsrobin1) July 2, 2019
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखरेख करने वाली इवेक्यू ट्रस्ट पॉपर्टी बोर्ड ने स्थानीय हिंदू समुदाय की मांग पर भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पहली बार मंदिर का दरवाजा खोला है. उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र में हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग नहीं रहते थे इसलिए यह मंदिर बंद था. 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद इस मंदिर पर हमला हुआ था और यह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था.
यहां चर्चा कर दें कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यहां करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं. लेकिन इस समुदाय का कहना है कि यहां 90 लाख से ज्यादा हिंदू हैं. पाकिस्तान में एक दिन में ऐसा संभव नहीं हुआ है. जिस वक़्त पाकिस्तान में इमरान की सरकार बनी उन्होंने ये कहकर सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक को हैरान कर दिया था कि वो देश के हिन्दुओं और मंदिरों के कल्याण की दिशा में कार्य करते हुए देश के तकरीबन 400 मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का काम करेंगे.
जबरन धर्मांतरण ‘गैर इस्लामिक’: इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जबरन धर्म परिवर्तन को ‘गैर इस्लामिक’ करार दिया है. उन्होंने कहा है कि इस्लामी इतिहास में दूसरों का जबरन धर्म परिवर्तन की कोई मिसाल नहीं है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस पर इस्लामाबाद में ऐवान-ए-सदर (राष्ट्रपति भवन) में एक कार्यक्रम में खान ने कहा कि वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके उपासना स्थलों को विकसित करने की शपथ लेते हैं. पैगंबर ने खुद भी अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता दी थी और उनके उपासना स्थलों को सुरक्षा प्रदान की थी. तो हम किसी को जबरन धर्म परिवर्तन कराने को कैसे अपने हाथ में ले सकते हैं. चाहे (गैर मुस्लिम) लड़कियों से शादी करके या फिर बंदूक के दम या किसी को उसके धर्म की वजह से मारने की (धमकी देकर). ये सारी चीजें गैर-इस्लामिक हैं. अगर अल्लाह ने पैंगबरों को अपना विश्वास किसी पर थोपने की शक्ति नहीं दी तो फिर हम (ऐसा करने वाले) कौन होते हैं?
सोशल मीडिया पर वीडियो
एक वीडियो सोशल मीडिया पर नजर आ रहा है जिसमें पाकिस्तान के श्राइन बोर्ड के उप सचिव सैय्यद फराज अब्बास दिख रहे हैं. उन्होंने पूजा से पहले मंदिर का दौरा किया था. साथ ही उन्होंने सियालकोट के हिंदू समुदाय से बात की थी और उन्हें इस मंदिर में आकर पूजा करने के लिए आमंत्रित किया था. मंदिर खुलने के बाद जिस वक्त यहां पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने हवन , उसकी भी अध्यक्षता सैय्यद फराज अब्बास ने ही की. ऊपर देखें वीडियो….