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कोलकाता : पुलिस अधिकारियों के तबादले पर सीएम को आयोग ने भेजा जवाब, फैसले को ठहराया जायज

कोलकाता : चुनाव आयोग द्वारा चार पुलिस अधिकारियों के तबादले के आदेश पर नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव आयोग को लिखे शिकायती पत्र का जवाब आयोग ने पत्र के जरिये ही दिया है. सूत्रों के मुताबिक पत्र में आयोग ने आदेश को लेकर मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज किया है. आयोग ने मुख्यमंत्री को […]

कोलकाता : चुनाव आयोग द्वारा चार पुलिस अधिकारियों के तबादले के आदेश पर नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव आयोग को लिखे शिकायती पत्र का जवाब आयोग ने पत्र के जरिये ही दिया है. सूत्रों के मुताबिक पत्र में आयोग ने आदेश को लेकर मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज किया है.
आयोग ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए हमेशा ऐसे फैसले लेता रहा है और इस संबंध में उसे अपनी विश्वसनीयता साबित करने की जरूरत नहीं है. आयोग ने यह फैसला विशेष पुलिस पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर किया है.
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में आयोग के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण, अत्यंत मनमाना, प्रेरित और पक्षपातपूर्ण बताया था और कहा था कि आयोग ने यह भाजपा के इशारे पर किया है.
गौरतलब है कि 2016 में गत विधानसभा चुनाव में कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के तबादले के चुनाव आयोग के आदेश का भी मुख्यमंत्री ने विरोध किया था और चुनाव के बाद राजीव कुमार को फिर वही पद वापस कर दिया गया था.
कोलकाता : मुकुल ने की डीजी व सुरजीत के साथ चयन को हटाने की मांग
कोलकाता : भाजपा के नेता मुकुल राय ने प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चुनाव आयोग से मांग की कि पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष व शांतिपर्ण चुनाव करवाने के लिए जरूरी है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को तुरंत हटाया जाये. इसके अलावा ओएसडी चयन मुखर्जी व सलाहकार सुरजीत कर पुरकायस्थ को भी हटाने की मांग की गयी.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी जब विपक्ष में थीं, तो उन्होंने चयन मुखर्जी को हटवाया था. आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की थी. उन्होंने सवाल किया कि सुरजीत कर पुरकायस्थ किसके सलाहकार हैं और उनकी जिम्मेवारी क्या है. उन्होंने कहा कि दरअसल ये लोग पर्दे के पीछे से पुलिस को संचालित करते हैं, इसलिए इन लोगों को पद से हटाना बेहद जरूरी है.
इसके अलावा उन्होंने उन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी हटाने की मांग की, जहां पंचायत चुनाव के समय लोग अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सके थे. मयनागुड़ी की सभा में ममता बनर्जी ने नाम लिए बगैर कहा कि सारधा मामले का सबसे बड़ा चोर प्रधानमंत्री के मंच पर बैठता है.
इसके जवाब में मुकुल ने कहा कि मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह साबित करें कि मैंने सारधा का पैसा लिया है. उन्होंने कहा कि सारधा के मालिक सुदीप्त सेन से वह महज दो बार मिले. उसमें एक बार दार्जिलिंग में खुद ममता बनर्जी ने परिचय करवाया था.

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