कोलंबो : श्रीलंका के अटाॅर्नी जनरल (एजी) जयंत जयसूर्या ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त किये जाने के मुद्दे पर बने मौजूदा राजनीतिक गतिरोध पर बुधवार को संसद के अध्यक्ष (स्पीकर) कारू जयसूर्या को कोई राय देने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करना अनुचित समझा जायेगा.
स्पीकर ने एजी की राय मांगते हुए पांच सवाल पूछे थे. इसमें उन्होंने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाने की वैधता पर भी प्रश्न पूछा. एजी ने स्पीकर को पत्र लिखकर कहा, संविधान के तहत अटाॅर्नी जनरल की भूमिका के प्रति सम्मान रखते हुए मेरा विचार है कि कथित प्रश्नों पर राय व्यक्त करना अनुचित समझा जायेगा. राष्ट्रपति सिरिसेना ने गत शुक्रवार को नाटकीय घटनाक्रम में विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाया था. उन्होंने संसद को भी 16 नवंबर तक निलंबित कर दिया है. राजपक्षे अभी तक पांच और सांसदों को अपने खेमे में लाने में कामयाब रहे हैं. उनके सदस्यों की संख्या 101 हो गयी है.
नये प्रधानमंत्री राजपक्षे ने बुधवार को वित्त और आर्थिक मामलों के मंत्री के रूप में कामकाज संभाला. देश की मुख्य तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने राजपक्षे से मुलाकात के बाद कहा कि वह राजपक्षे को कानूनी तौर पर निर्वाचित प्रधानमंत्री नहीं मान रही है.