बीजिंग : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. शी ने कहा कि चीन अपनी कूटनीतिक प्राथमिकता के तौर पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विकास को मजबूत किये जाने का सम्मान करता है.
सुषमा ने एससीओ के बाकी सात सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी से मुलाकात की. शी ने एससीओ के विदेश मंत्रियों, एससीओ के महासचिव और एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद-निरोधक ढांचे की कार्यसमिति के निदेशक के साथ बैठक में कहा, ‘चीन अपनी कूटनीतिक प्राथमिकता के तौर पर शंघाई सहयोग संगठन के विकास को मजबूत किये जाने को सम्मान देता है.’ सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार शी ने कहा कि वह जून में शानदोंग प्रांत के तटीय शहर किंगदाओ में होनेवाली एससीओ की शिखर वार्ता की सफलता के प्रति आशान्वित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किंगदाओ सम्मेलन में भाग ले सकते हैं.
एक दिन पहले ही दोनों देशों ने इस सप्ताह वुहान में शी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिखर-बैठक की घोषणा की थी. एससीओ के विदेश मंत्री मंगलवार को यहां बैठक करेंगे और आठ सदस्यीय राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा समूह के सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देंगे. सुषमा और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवारको घोषणा की थी कि मोदी और शी 27-28 अप्रैल को द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए वुहान में बातचीत करेंगे. एससीओ की स्थापना 2001 में की गयी थी. इसका मुख्यालय बीजिंग में है. इस समूह में चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं.
एससीओ का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाना है. इस संगठन में चीन की प्रभावी भूमिका है और भारत और पाकिस्तान को पिछले साल इसमें शामिल किया गया था. चार दिन की चीन यात्रा पर आयीं सुषमा ने चीन के उप राष्ट्रपति वांग किशान से भी मुलाकात की थी. मंगलवारको यहां एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भाग लेंगी. वह चीन के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल वी फेंगे के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी. भारत ने एससीओ सम्मेलन में भाग ले रहे पाकिस्तान के विदेश और रक्षा मंत्रियों के साथ किसी द्विपक्षीय बैठक की संभावना को खारिज कर दिया.