राज्य में स्वास्थ्य योजनाओं में भ्रष्टाचार के दोषी संस्थानों और उनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई बंद हो गयी है. पिछले एक साल में ‘आयुष्मान भारत योजना’ से सिर्फ एक अस्पताल सूची से बाहर निकाला गया है. इधर, करीब दर्जन भर अस्पतालों पर कागजी मरीजों का इलाज करने सहित दूसरी तरह की गड़बड़ियों के आरोप हैं.लेकिन, इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गड़बड़ी से संबंधित कुछ मामलों की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी थी, पर उन्हें डेढ़ माह बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. आयुष्मान में गड़बड़ी करनेवाले सिर्फ एक अस्पताल को जुलाई 2021 से जून 22 तक निलंबित किया गया. एक पर दंड लगाया गया है.हालांकि, कोई अस्पताल सूची से बाहर नहीं किया गया है और न ही किसी पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. आयुष्मान में गड़बड़ी करनेवाले दर्जनभर अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा विभिन्न जिलों से भेजी गयी है. इन जिलों में धनबाद, लोहरदगा, गोड्डा और गुमला शामिल हैं.स्वास्थ्य मंत्री ने प्रभात खबर में छपी खबरों के मद्देनजर 15 दिनों में जांच रिपोर्ट मांगी थी, जो अब तक नहीं मिली है. मंत्री ने सरकारी अस्पतालों में पदस्थापित डॉक्टरों द्वारा आयुष्मान के तहत निजी अस्पतालों में अधिकतम और सरकारी अस्पतालों में नहीं के बराबर ऑपरेशन करनेवालों के बारे में जांच रिपोर्ट मांगी थी.
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Jharkhand News: स्वास्थ्य मंत्री के आदेश का भी नहीं हो रहा पालन, स्वास्थ्य योजनाओं में भ्रष्टाचार जारी
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गड़बड़ी से संबंधित कुछ मामलों की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी थी, पर उन्हें डेढ़ माह बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है.
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