झारखंड में खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग तेज हो रही है. अब इस मांग को लेकर झारखंड से एक रथ यात्रा निकली है जो झारखंड के सभी जिलों में पहुंचकर लोगों को जागरुक करेगी अपनी इस मांग से अवगत करायेगी. इस रथ यात्रा में पांच से सात युवा भी सवार हैं जो हर जिले में जाकर मुख्य शहरों में चौराहों पर लोगों को खतियान आधारित स्थानीय नीति का महत्व समझायेंगे.
इस यात्रा के शुरू होने से पहले इमाम सफी ने हमें फोन पर बताया कि हमारी कोशिश है कि जो इस वक्त माहौल बन रहा है उसे सहज कर सकें. हम नहीं चाहते हैं कि हम सभी लोग आपस में ही भाषा विवाद को लेकर लड़ें अगर खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू होगी तो भाषा का विवाद खुद ब खुद खत्म हो जायेगा.
खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू होती है तो इसका लाभ सभी को मिलेगा. हमारी यह मांग नहीं है कि 1932 का खतियान लागू हो हमारी मांग है कि अंतिम सर्वे के हिसाब से खतियान लागू किया जाये.