झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 के समापन हो गया. दो दिनों में रांची के मोरहाबादी मैदान से झारखंडी कला संस्कृति के साथ- साथ आदिवासी समुदाय के मूल सवालों के जवाब तलाशने की भी कोशिश हई. साथ ही गूंज रही. नगाड़ा, मांदर, ढोल और तुरतुरी की लयबद्ध ताल के साथ कलाकारों ने बेजोड़ प्रस्तुति की.
लेटेस्ट वीडियो
झारखंड जनजातीय महोत्सव में लोक कला-संस्कृति की गूंज, कुछ इस तरह रहा दो दिनों का महोत्सव
झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 के समापन हो गया. दो दिनों में रांची के मोरहाबादी मैदान से झारखंडी कला संस्कृति के साथ- साथ आदिवासी समुदाय के मूल सवालों के जवाब तलाशने की भी कोशिश हई. साथ ही गूंज रही. नगाड़ा, मांदर, ढोल और तुरतुरी की लयबद्ध ताल के साथ कलाकारों ने बेजोड़ प्रस्तुति की.
Modified date:
Modified date:
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

