कोरोना संकट के बीच महिलाएं हरितालिका (हरतालिका) का त्योहार मना रही हैं. तीज व्रत का उत्तर भारत में विशेष महत्व है. व्रत में महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं. इस बार हरतालिका तीज पर सिद्ध और साध्य योग है. तीज व्रत में मिट्टी से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा की विधिवत पूजा की जाती है. साथ ही तीज व्रत की कथा को सुना जाता है. कोरोना संकट के बीच भीड़ लगाने की मनाही है. महिलाएं एकसाथ कथा नहीं सुन सकती हैं. लिहाजा हम सुनाने जा रहे हैं तीज की कथा. क्या है कथा का पौराणिक महत्व?
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हरतालिका तीज 2020 : कथा के बिना अधूरा माना जाता है तीज का व्रत, यहां सुनिए पूरी कथा
कोरोना संकट के बीच महिलाएं हरितालिका (हरतालिका) का त्योहार मना रही हैं. तीज व्रत का उत्तर भारत में विशेष महत्व है. व्रत में महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं. इस बार हरतालिका तीज पर सिद्ध और साध्य योग है. तीज व्रत में मिट्टी से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा की विधिवत पूजा की जाती है. साथ ही तीज व्रत की कथा को सुना जाता है. कोरोना संकट के बीच भीड़ लगाने की मनाही है. महिलाएं एकसाथ कथा नहीं सुन सकती हैं. लिहाजा हम सुनाने जा रहे हैं तीज की कथा. क्या है कथा का पौराणिक महत्व?
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