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Shukra Gochar: होने वाला है शुक्र का मकर राशि में गोचर, जानें मेष से लेकर मीन राशि वालों पर पड़ेगा क्या असर

Shukra Gochar: शुक्र ग्रह का संबंध सप्ताह के पांचवें दिन यानी शुक्रवार से होता है. शुक्र ग्रह बाहरी दुनिया के सामने अपने आप को एक परिष्कृत और अधिक आकर्षक पक्ष पेश करने में हमारी मदद करता है.

Shukra Gochar: शुक्र ग्रह का संबंध सप्ताह के पांचवें दिन यानी शुक्रवार से है. शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग का कारक ग्रह कहा जाता है. शुक्र के शुभ होने पर मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है. 8 दिसंबर को शुक्र देव राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं.

कब करेगे क्या समय रहेगा कब तक रहेगे (Venus Transit in Capricorn)

शुक्र का मकर राशि में यह गोचर 8 दिसंबर 2021 को सुबह 12 बजकर 56 मिनट से 30 दिसंबर 2021 तक सुबह 9 बजकर 57 मिनट तक होगा.

क्या प्रभाव होगा सभी राशियो पर (Venus Transit in Capricorn)

मेष :-

मेष राशि के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव का स्वामी है, जो कर्म के दशम भाव में गोचर कर रहा है. गोचर की इस अवधि में आपको अपने पेशेवर जीवन में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे. इस गोचर अवधि के दौरान आप अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के ढ़ेरों अवसर हासिल करेंगे. यह समय उन लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छा है जो कोई नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं. आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और इस दौरान आपको धन, संपत्ति और विश्वास अर्जित करने के कई अवसर भी प्राप्त होंगे. आपके जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी और आप सभी सुख सुविधाओं से लिप्त जीवन जीने में कामयाब रहेंगे.

वृषभ :-

वृष राशि के लिए शुक्र पहले और छठे भाव का स्वामी है, जो भाग्य और धर्म के नवम भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर के दौरान आप दुविधा में रहेंगे और आपका जीवनसाथी बहुत ज्यादा खुश नहीं रहने वाला है. आपको अपने परिवार से संबंधित कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है. शुक्र आपकी राशि का स्वामी है और नवम भाव में स्थित है इसलिए आपको स्वास्थ्य और वित्त के मामले में आपको भाग्य का भरपूर समर्थन प्राप्त होने की संभावना है. इस दौरान आपको अपने मित्रों और गुरु का वांछित सहयोग मिलेगा और आपके आईडिया और विचारों को स्वीकारा और सराहा जाएगा.

मिथुन:-

मिथुन राशि के लिए शुक्र बारहवें और पंचम भाव का स्वामी है, जो दीर्घायु, अचानक हानि/लाभ और गुप्त विज्ञान के आठवें भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर के प्रभाव से आपके अहंकार में वृद्धि हो सकती है जिससे आप अपने किसी करीबी के साथ अशिष्ट व्यवहार करके उन्हें अपनी कठोर और कड़वी बातों से ठेस पहुंचा सकते हैं. यात्रा करने के योग बनेंगे. चल संपत्ति की खरीद से आप अच्छी कमाई करने में कामयाब रहेंगे. पेशेवर विकास की प्रबल संभावना है और आप सभी प्रतियोगिता जीतेंगे. मुमकिन है की इस दौरान आपकी वेतन में वृद्धि हो सकती है जिससे आपके भौतिक सुख में भी वृद्धि देखने को मिलेगी.

कर्क:-

कर्क राशि के लिए शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है, जो विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर के दौरान आप अपने कार्यालय में लक्ष्यों को प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करेंगे और नौकरी में ईमानदारी से प्रयास करने के बावजूद आपके बॉस आपको और आपकी मेहनत को नज़रंदाज़ कर सकते हैं. इसलिए आपको धैर्य रखने और अपना शत-प्रतिशत देने पर ध्यान देने की आवश्यकता है. जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र में हैं, उन्हें बिज़नस पार्टनर्स, व्यापारियों और ग्राहकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने की आवश्यकता होगी.

सिंह:-

सिंह राशि के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है और शत्रु, कर्ज और दैनिक मजदूरी के छठे भाव में गोचर कर रहा है. आपको इस अवधि के दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है और कार्यस्थल पर कुछ शत्रुओं से भी सावधान रहने की ज़रूरत पड़ सकती है जो कार्यस्थल पर आपकी छवि और प्रतिष्ठा को ख़राब करने का प्रयास कर सकते हैं. आपको सलाह दी जाती है कि इस समय के दौरान अपने खर्चों को नियंत्रण में रखें और भौतिकवादी चीजों पर खर्च न करें. आपको अपने पारिवारिक मामलों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी. माता का स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बना रह सकता है.

कन्या:-

कन्या राशि के लिए शुक्र द्वितीय भाव और नवम भाव का स्वामी है और प्रेम, रोमांस और संतान के पंचम भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर के दौरान आपको अपने खान-पान पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय अवधि में आपको पाचन तंत्र, दांत, जबड़े से संबंधित रोगों से पीड़ित होने की आशंका है. इसके लिए आपको दवा पर काफी खर्च भी करना पड़ सकता है. इस अवधि के दौरान व्यावसायिक रूप से गोचर आपके पक्ष में रहेगा और आपको नौकरी से संबंधित नए अवसर, जैसे पदोन्नति या नई नौकरी भी प्राप्त हो सकते हैं.

तुला:-

तुला राशि के लिए शुक्र पहले और आठवें भाव का स्वामी है और सुख-समृद्धि के चौथे भाव में गोचर कर रहा है. यह भाव परिवार और वित्त का प्रतिनिधित्व करता है. व्यावसायिक रूप से आपको कार्यस्थल पर ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिन्हें संभालना आपके लिए थोड़ा कठिन हो सकता है. आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल पाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी. निवेश करते समय आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इससे नुकसान भी हो सकता है. इस राशि के छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम नहीं रहेंगे

वृश्चिक :-

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र बारहवें और सातवें भाव का स्वामी है और पराक्रम के तीसरे भाव में गोचर कर रहा है. गोचर के दौरान आपके विरोधी आपको परेशान कर सकते हैं. किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए अपनी आंखों का अतिरिक्त ध्यान रखें और खान-पान पर नियंत्रण रखें. यात्रा के योग बन रहे हैं और आप इस समय अवधि में अवैध संबंधों में भी शामिल हो सकते हैं. वृश्चिक राशि के जातकों को इस समय के दौरान मूड स्विंग्स का अनुभव हो सकता है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अपने दिमाग और ऊर्जा को किसी शौक या किसी ऐसी योजना पर केंद्रित करें जिसमें आपकी रुचि हो.

धनु:-

धनु राशि के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और धन के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर के दौरान आपके काम में देरी होने की संभावना है. आपके विरोधियों से आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है और आपका दूसरों पर हावी होने का स्वाभाव आपके मित्रों और कार्यकर्ता के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. आपको अपने ख़र्चों पर नज़र रखने की ज़रूरत है क्योंकि इस दौरान ख़र्चे हद से ज्यादा होने की संभावना बन रही है. दाम्पत्य जीवन में आपका समय आनंदमय व्यतीत होगा.

मकर:-

मकर राशि के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी है और लग्न भाव में गोचर कर रहा है. यह गोचर काल मकर जातकों के लिए बहुत ही शुभ और लाभप्रद रहेगा क्योंकि इस अवधि में आपको जीवन के विभिन्न पहलुओं में वांछित परिणाम प्राप्त होंगे. जो जातक किसी रिश्ते में हैं, उन्हें कोई गलतफहमी या नकारात्मक विचार पैदा करने के बजाय अपने प्रिय की बात सुनने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से आपके बीच उत्पन्न हुई तमाम शंकाओं और गलतफहमियों को दूर करने में मदद मिल सकती है.

कुंभ :-

कुम्भ राशि के लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और व्यय, गुप्त व्यवहार के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर के दौरान, आप विलासितापूर्ण जीवन जीने के लिए अपने आराम पर बहुत अधिक खर्च करने वाले हैं और आप अपनी इच्छानुसार किसी गुप्त संबंध में भी शामिल हो सकते हैं. यदि आपको बिना ज्यादा प्रयास किए इस के दौरान लाभ प्राप्त हुए हैं, तो गोचर के बाद भी इन लाभों को अपने जीवन में बनाए रखने के लिए आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है

मीन:-

मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और लाभ और इच्छा के एकादश भाव में गोचर कर रहा है. यदि इस अवधि में मौद्रिक लाभ की संभावना है तो गोचर अपने साथ कई वित्तीय परेशानियाँ और चिंताएँ लाएगा. जीवन में किसी बुजुर्ग व्यक्ति से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है. इस समय के दौरान आप अच्छे स्वास्थ्य का भी आनंद लेंगे. कानूनी मामलों में देरी हो सकती है जो आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है. इस गोचर के दौरान छोटी यात्रा के भी योग हैं.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

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