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Asian Games के लिए चयन ट्रायल में छूट के विरोध में उतरीं साक्षी मलिक, वीडियो जारी कर कही यह बात

एशियन गेम्स के लिए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को चयन ट्रायल में छूट दिये जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ साक्षी मलिक ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि यह पहलवानों को आपस में लड़वाने के लिए किया जा रहा है.

भारत की शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक ने विनेश फोगट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों 2023 के ट्रायल से छूट देने के सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने ट्विटर पर गुरुवार को इसके खिलाफ आवाज उठायी है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्हें भी सरकार से यही प्रस्ताव मिला था लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 30 वर्षीय ओलंपिक पदक विजेता एक प्रमुख प्रदर्शनकारी थीं. वह महासंघ के खिलाफ एक सक्रिय आवाज थीं और उन्हें विनेश और बजरंग के साथ विभिन्न विरोध प्रदर्शनों में देखा गया था.

कुश्ती समुदाय में विभाजन का प्रयास

डब्ल्यूएफआई की तदर्थ पैनल समिति ने कुश्ती समुदाय में तब और विभाजन पैदा कर दिया जब उन्होंने विनेश और बजरंग पूनिया को हांग्जो एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट दे दी. दोनों स्टार पहलवान बिना किसी ट्रायल के अपने-अपने वर्ग की स्पर्धाओं में भाग लेंगे और इससे साक्षी सहित कुश्ती समुदाय के बाकी लोग नाराज हैं. साक्षी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कड़े शब्द साझा किये और ‘पहलवानों को बदनाम करने’ के लिए सरकार की आलोचना की. साक्षी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सरकार ने पहलवानों का नाम सीधे एशियाई खेलों में भेजकर उनकी एकता को तोड़ने का काम किया है. मैं कभी भी बिना ट्रायल के खेलने नहीं गयी हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं.’

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पहलवानों को लड़वाना चाहती है सरकार

साक्षी मलिक ने कहा, ‘मैं सरकार की इस मंशा से परेशान हूं. हमने ट्रायल की तारीख आगे बढ़ाने की बात की थी, लेकिन सरकार ने यह बदनामी हमारी जेब में डाल दी है.’ साक्षी ने यह भी कहा कि उन्होंने और अन्य प्रदर्शनकारी पहलवानों ने ट्रायल की तारीख बढ़ाने की मांग की थी ताकि वे प्रशिक्षण ले सकें. साक्षी ने खुलासा किया कि सरकार ने उन्हें एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश का मौका दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया क्योंकि वह निष्पक्ष ट्रायल चाहती थीं. उन्होंने कहा कि हमने तदर्थ समिति से समय मांगा था ताकि हमारा ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराया जाये क्योंकि हम ट्रेनिंग करने में असमर्थ थे. उन्होंने हमें समय देते हुए एक पत्र भेजा. यही वजह है कि हम ट्रेनिंग के लिए बाहर आये.

https://twitter.com/SakshiMalik/status/1682043533459603456


सरकार के कदम के विरोध में साक्षी मलिक

उन्होंने कहा, ‘मुझे सरकार से फोन आया कि वे एशियाई खेलों के लिए सीधे उन दोनों (बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट) का नाम भेज रहे हैं और मुझसे एक मेल भेजने के लिए कहा ताकि मेरा नाम भी भेजा जा सके. मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं सीधे प्रवेश नहीं चाहती थी. मैं बिना ट्रायल के किसी भी टूर्नामेंट में नहीं गयी हूं और न ही भविष्य में कभी ऐसा करूंगी.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं सीधे नाम भेजने के इस कदम के खिलाफ हूं क्योंकि मैं नहीं चाहती कि किसी भी खिलाड़ी का अधिकार छीन लिया जाए. यह पहलवानों के बीच लड़ाई को भड़काने के लिए है जिसके कारण दो लोगों के नाम सीधे भेजे गये हैं. मैं पूरी तरह से इसके खिलाफ हूं.’

पहलवानों ने किया IOA मुख्यालय का घेराव

कुश्ती ट्रायल में कुछ पहलवानों को छूट दिये जाने के विरोध में कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच ने पहले हरियाणा के हिसार में विरोध प्रदर्शन किया और गुरुवार को दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुख्यालय का घेराव भी किया. बता दें कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स के लिए चयन ट्रायल में छूट दी गयी है, जिसका विरोध किया जा रहा है. गुरुवार को पहलवानों के परिजनों सहित करीब 150 लोग आईओए मुख्यालय के पास करीब 150 से अधिक लोग आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा और तदर्थ पैनल प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा से मिलने की मांग कर रहे थे. युवा खिलाड़ी अमित पंघाल के कोच विकास भारद्वाज ने पीटीआई से कहा कि हम सभी सरकार के इस फैसले के खिलाफ आईओए के शीर्ष अधिकारियों से मिलना चाहते हैं. हम सरकार से विनेश और बजरंग को दी जाने वाली छूट को वापस लेने की मांग पर अड़े रहेंगे. पहलवानों सरकार के इस फैसले की वजह से काफी रोष में हैं और इसे अन्यायपूर्ण फैसला करार दिया है. हालांकि पंघाल और अंडर 23 एशियन चैंपियन सुजीत कलकल प्रदर्शन के लिए मुख्यालय नहीं पहुंचे थे. पंघाल और सुजीत ने दिल्ली हाई कोर्ट में सरकार के फैसले को रद्द करने की अपील की है.

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