23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

AI मिशन पर सरकार का जोर, पीएम मोदी ने कही यह बात

पीएम ने कहा कि एआइ 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा जरिया बन सकती है, पर यह 21वीं सदी का विनाश करने की भी समान रूप से ताकत रखती है. डीपफेक, साइबर सुरक्षा व डेटा चोरी की चुनौती के अलावा एआइ उपकरणों का आतंकियों के हाथों में पड़ना एक बड़ा खतरा है. हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

मुख्य बातें –

कृत्रिम मेधा में स्वास्थ्य सेवा सहित क्षेत्रों को बदलने की क्षमता

एआइ के नैतिक उपयोग के लिए वैश्विक ढांचा बनाने की जरूरत

टिकाऊ विकास में कृत्रिम मेधा की होगी बड़ी भूमिका

एआइ की दिशा मानवीय और लोकतांत्रिक मूल्यों पर होगी निर्भर

PM Modi & Artificial Intelligence : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (Prime Minister Narendra Modi) भारत को कृत्रिम मेधा (एआइ) के जिम्मेदार व नैतिक उपयोग के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा कि यह तकनीक भारत के प्रौद्योगिकी परिदृश्य में आमूल-चूल बदलाव की क्षमता रखती है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही एआइ मिशन शुरू करेगी.

एआइ के नैतिक उपयोग के लिए एक वैश्विक ढांचा बनाने की जरूरत

एआइ पर वैश्विक साझेदारी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ये बातें कहीं. उन्होंने एआइ पर आधारित उपकरणों के आतंकियों के हाथ में पड़ने के खतरे को लेकर आगाह किया और सुझाव दिया कि एआइ के नैतिक उपयोग के लिए एक वैश्विक ढांचा बनाने की जरूरत है.

Also Read: Google ने रॉलआउट किया AI बेस्ड नोट ऐप NotebookLM, मिलेगा Gemini का सपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनौतियों को लेकर भी चेताया

उन्होंने कहा कि एआइ 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा जरिया बन सकती है, पर यह 21वीं सदी का विनाश करने की भी समान रूप से ताकत रखती है. डीपफेक, साइबर सुरक्षा व डेटा चोरी की चुनौती के अलावा एआइ उपकरणों का आतंकियों के हाथों में पड़ना एक बड़ा खतरा है. हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी

एआइ के नैतिक उपयोग के लिए वैश्विक ढांचा बनाने की जरूरत

कृत्रिम मेधा में स्वास्थ्य सेवा सहित क्षेत्रों को बदलने की क्षमता

टिकाऊ विकास में कृत्रिम मेधा की होगी बड़ी भूमिका

एआइ की दिशा मानवीय और लोकतांत्रिक मूल्यों पर होगी निर्भर

Also Read: Grok AI चैटबॉट क्या है? X के प्रीमियम मेंबर्स को Elon Musk देंगे यह सौगात

सामाजिक और समावेशी विकास के लिए होगा एआइ का उपयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने एआइ को सुरक्षित व विश्वसनीय बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि चर्चा एआइ से निकलने वाली जानकारी को विश्वसनीय बनाने के तरीके पर होनी चाहिए. एआइ को सर्व-समावेशी बनाने पर ही इसके अधिक समावेशी परिणाम मिलेंगे. एआइ सिर्फ नयी तकनीक नहीं है, बल्कि एक विश्वव्यापी आंदोलन है. सरकार सामाजिक और समावेशी विकास के लिए एआई की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी.

विकास और विनाश का बड़ा जरिया बन सकती है तकनीक

पीएम मोदी ने कहा कि एआइ 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा जरिया बन सकती है, पर यह 21वीं सदी का विनाश करने की भी समान रूप से ताकत रखती है. डीपफेक, साइबर सुरक्षा व डेटा चोरी की चुनौती के अलावा एआइ उपकरणों का आतंकियों के हाथों में पड़ना एक बड़ा खतरा है. इस ओर ध्यान देना जरूरी है.

Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel